नई दिल्ली, 19 नवम्बर। दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिक शादियों को हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत अनुमति देने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ की अध्यक्षता वाली बेंच ने चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पहले यह याचिका चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच के पास लिस्टेड थी। पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की बेंच ने इस याचिका को जस्टिस राजीव सहाय एंड लॉ की अध्यक्षता वाली बेंच को भेज दिया था। पिछले 14 सितंबर की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने समलैंगिक शादियों को हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत अनुमति देने की मांग करनेवाली याचिका का विरोध किया था। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हमारी कानूनी प्रणाली, समाज और संस्कृति समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह की मान्यता नहीं देता है।
तुषार मेहता ने कहा था कि याचिकाकर्ता समलैंगिकों की शादी को कानूनी मान्यता की मांग नहीं कर सकते। मेहता ने कहा था कि उन्होंने कानून की पड़ताल की है। कोर्ट कानून नहीं बना सकता है। उन्होंने कहा था कि वे इस मामले पर हलफनामा भी दाखिल नहीं करेंगे। उन्हें वैधानिक प्रावधानों पर विश्वास है। तब जस्टिस प्रतीक जालान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कारण भी दिए हैं। तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उन याचिकाकर्ताओं की सूची पेश करने के लिए कहा था जिनका शादी का रजिस्ट्रेशन समलैंगिक होने की वजह से हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत नहीं किया गया।