कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु ज्ञानेश्वर को म्यांमार का सर्वोच्च सम्मान देने आ रहे राजदूत
कुशीनगर, 26 जून (हि.स.)। पड़ोसी देश म्यांमार के राजदूत ऊ मोचो आंग 11 सदस्यीय राजनयिक दल के साथ शनिवार शाम को कुशीनगर आ रहे हैं। वह यहां के बौद्ध भिक्षु भदन्त ज्ञानेश्वर महाथेरो को म्यांमार सरकार द्वारा घोषित सर्वोच्च धार्मिक सम्मान अभिधज्जा महारथा गुरु प्रदान करेंगे।
इसके लिए कुशीनगर स्थित म्यांमार बुद्ध विहार में कोविड प्रोटोकाल के तहत रविवार (27 जून) की सुबह समारोह का आयोजन किया गया है। इस सम्मान की घोषणा म्यांमार सरकार ने अपने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गत चार जनवरी को किया था। म्यांमार के राजनयिक महापरिनिर्वाण मंदिर में स्थित बुद्ध की 5वीं सदी की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा के समक्ष विशेष पूजा अर्चना कर दोनों देशों की खुशहाली की कामना करेंगे। 28 जून को दल सड़क मार्ग होते हुए दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगा।
स्थानीय विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि बौद्ध भिक्षु को म्यांमार की सर्वोच्च धार्मिक उपाधि का मिलना देश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बौद्ध भिक्षु द्वारा कुशीनगर के पर्यटन विकास के लिए किये गए कार्यों की सराहना की। मणि ने बौद्ध भिक्षु को बधाई देते हुए उनके दीर्घायु, उत्तम एवं निरोगी जीवन की कामना की। उन्होंने आशा जताई कि वह पूर्व की भांति कुशीनगर के विकास में योगदान देते रहेंगे।