केले की खेती : डेढ़ लाख खर्च कर कमाए थे छह लाख, इस बार चारगुना बढ़ा दी खेती

Thursday 14 Jan 2021 अनुसंधान

किसान ने पिछली बार लगाए थे 2000 पौधे, इस बार सात एकड़ में की केले की खेती

 
लखनऊ, 14 जनवरी (हि.स.)। पिछली बार दो एकड़ में केले का पौध लगाने पर हुए फायदे को देखकर उत्साहित किसान ने इस बार सात एकड़ केले की फसल लगाई है। गोंडा के प्रगतिशील किसान डाॅक्टर अनिल श्रीवास्तव का कहना है कि दो एकड़ में डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए थे और छह लाख रुपये में केला तैयार होने पर बिक गया था अर्थात साढ़े चार लाख रुपये शुद्ध मुनाफा हुआ था। गोंडा जिले के मनकापुर तहसील अंतर्गत अलीनगर गांव निवासी डाॅक्टर अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि घर में रहकर ही कुछ करने की ठान ली। इसी बीच उद्यान विभाग में उप निदेशक अनीस श्रीवास्तव से मुलाकात हुई और उन्होंने गेंदा का फूल और केले की खेती की सलाह दी। इसके बाद खेती कार्य में जुट गया। अनील ने बताया कि केले का पौध जी-9 है। इसकी विशेषता है कि इसमें पनामा बिल्ट रोग का असर कम पड़ता है। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में पौधा ग्रोथ कम करता है। वर्तमान में इसका बढ़वार रूका हुआ है लेकिन रोग मुक्त है। उम्मीद है कि इस वर्ष भी यह पर्याप्त फायदा देकर जाएगा। पिछले बार पौधा बहराइच से लाया था। इस बार भी जी-9 ही लगाया है लेकिन पौधा बाराबंकी से लाया हूं। अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार अगस्त में पौधा लगाया था। जुलाई में इसमें फुल आ जाएंगे और अक्टूबर-नवम्बर तक कट जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ किसान उसकी पुट्‌टी छोड़कर दूसरी बार भी उसका फल लेते हैं लेकिन मैं हर वर्ष नया लगाता हूँ, क्योंकि पुट्‌टी के फल कुछ कमजोर हो जाते हैं। उद्यान विभाग के उपनिदेशक अनीस श्रीवास्तव ने बताया कि केले में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इस कारण ठंड में इसका ग्रोथ रूक जाता है। इससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। केले के पौध में गर्मी बनी रहे, इसके लिए सल्फर का छिड़काव करना चाहिए। यह बता दें कि केले की खेती पर सरकार प्रति पौधा किसान को 10 रुपये का अनुदान देती है। जी- 9 प्रजाति का केला लैब में तैयार किया जाता है। इसके पौधे छोटे होने के साथ ही मजबूत होते हैं। इस कारण आंधी-तूफान में टूट कर नष्ट होने की संभावना बहुत कम होती है। केले की खेती में सबसे ज्यादा पनामा बिल्ट की बीमारी खतरनाक है और जी-9 में पनामा बिल्ट रोग के प्रकोप की संभावना बहुत कम होती है।

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