ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में आधिकारिक रूप से दर्ज

Friday 22 Jan 2021 कैंपस

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से आये डॉ. विनोद सिंह तथा स्मिता सिंह ने विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन माननीया जे.वी.एन. विदुषी गर्ग जी को इस उपलब्धि का प्रमाण पत्र सौपा

 
जयपुर स्थित ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय ने इतिहास रचते हुए अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है। विश्वविद्यालय को यह सम्मान 1 जनवरी को जयपुर जिले के 10 गांवो में एक से तीन साल के तीन सौ बच्चों को पुष्य नकक्षत्र सामुदायिक स्वास्थय कार्यक्रम के तहत एक साथ उनके घर जाकर स्वर्णप्राशन कराने के उपलक्ष्य में दिया गया। गुरुबार को विश्वविद्यालय में आयोजित एक रंगारंग क्रायक्रम में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से आये हुए डॉ. विनोद सिंह तथा स्मिता सिंह ने विश्वविद्यालय की चेयरपर्सन माननीया जे.वी.एन. विदुषी गर्ग जी को इस उपलब्धि का प्रमाण पत्र सौपा । विश्वविद्यालय परिसर तालियों से गूंज उठा जब इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने चेयरपर्सन महोदया को मैडल पहनाया । कार्यक्रम का शुभारम्भ जेवी-मंत्रा से हुआ एवं इसके पश्चात् राष्ट्रगान गाया गया। इस अवसर पर चेयरपर्सन महोदया ने आकाश में रंग- विरंगे गुब्बारे छोड़े । इस अवसर पर ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय के प्रो-प्रेसिडेंट(आयुष) वैद्य श्री कमलेश कुमार शर्मा भी मौजूद रहें । गौरतलब है की 1 जनबरी को पुष्य नकक्षत्र सामुदायिक स्वास्थय कार्यक्रम के तहत जयपुर से लगभग पचास किलोमीटर की दुरी पर बसे दस गांवों में एक से तीन साल के तीन सौ बच्चों को उनके घर जाकर स्वर्णप्राशन कराया गया था । साथ में प्रत्येक बच्चे के तीन व्यस्क सम्बन्धियों को होमियोपैथी औषधि आर्सेनिक एलबम की गोली भी खिलायी गयी थी। कार्यक्रम के तहत गोद लिए हुए 10 गांवो में जाकर 1200 लोगों को इम्युनिटी बुस्टर दिया गया था । इस अवसर पर गांवों में विश्वविद्यालय द्वारा बनाये स्थानीय एकीकृत स्वास्थ्य केन्द्रों के जीर्णोधार कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था । इसका उद्घाटन रिब्बन खोलकर सम्बंधित गांवों के सरपंचों ने किया था । ज्योति विद्यापीठ के संस्थापक और सलाहकार डॉ पंकज गर्ग ने बताया कि यह कार्यक्रम 1 जनवरी से 4 सितम्बर तक पड़ने वाले करीब 10 पुष्य नक्षत्रों के अवसर पर चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर पुष्य नक्षत्र सामुदायिक स्वास्थ्य योजना के तहत गर्भ धारण के बाद वैदिक देखभाल एवं संस्कार योजना ,वृद्घजन स्वास्थ्य योजना, स्थानीय पोषण योजना .बालिका स्वास्थ्य योजना और साप्ताहिक गौ सामग्री यज्ञ एवं सामुदायिक योग योजना भी चलायी जायेगी। जिन दस गांवों में इसका आयोजन किया गया वो स्वीकृत गांव काचरोदा, झरना, हिरनोदा, फुलेरा, आसलपुर, बिचून, रोजड़ी, देवला, कपाड़ियावास और ढाणी- बोराज हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ विश्वविद्यालय की छात्राएं भी उपस्थित रहीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के टीचिंग, नॉन टीचिंग और आयुष इंटर्न्स को भी प्रमाण पत्र दिया गया ।

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