लॉकडाउन में महिलाओं पर कामकाज का बोझ बढ़ता गया है
वाराणसी, 21 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज की प्राचार्य डॉ. विजयलक्ष्मी नन्दा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की घटनाएं बढ़ गई। इस दौरान महिलाओं पर जितने भी शोध हुए सबमें महिलाओं के साथ भेदभाव की बात सामने आई है।
इसके अलावा विभिन्न शोध में यह बात भी सामने आई है कि लॉकडाउन में महिलाओं पर कामकाज का बोझ बढ़ता गया है। विजय लक्ष्मी नन्दा बुधवार को डीएवी पीजी कॉलेज के आईक्यूएसी सेल के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला को वर्चुअल सम्बोधित कर रही थी। महामारी में लैंगिक विभेदः चुनौतियॉ एवं संभावनाएं विषयक कार्यशाला में उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में लैंगिक आधार पर महिलाएं दोहरी मार की शिकार हुई। उन पर काम का बोझ तो बढ़ा ही साथ ही वें घरेलू हिंसा की भी शिकार हुई। ये चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में विभिन्न प्रकार के शोध अध्ययनों में यह भी साफ हुआ कि नारी शक्ति अपनी निर्णायक वादी भूमिका से सहानभूति की ओर अग्रसर हो गयी है। उन्होंने कहा कि हाल के समय में महिला साक्षरता के मामले में काफी सकारात्मक बढ़ोतरी हुई है। कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक डा. शिव बहादुर सिंह ने किया। स्वागत एवं विषय स्थापना संयोजिका डा. स्वाती सुचरिता नन्दा ने किया।