रिसर्च: बायोग्लास के सफल उपचार प्रयोग से लेब्राडोर डॉग का कैंसर युक्त घाव ठीक
वाराणसी, 17 जून (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बरकछा स्थित राजीव गांधी दक्षिण परिसर में लेब्राडोर डॉग के बायोग्लास (कांच) से कैंसर युक्त घाव का सफल उपचार किया गया। बायोग्लास के सफल उपचार प्रयोग ने इस क्षेत्र में रिसर्च करने के नये आयाम खोल दिये हैं।
बुधवार को यह जानकारी पशु चिकित्सा सर्जरी और रेडियोलॉजी, पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ.नरेश कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि वाराणसी का एक लेब्राडोर नस्ल का डॉग कोरोना की पहली वेब के दौरान दांये पंजे में एक बड़े आकार के ट्यूमर (लंप) से परेशान था। उसमें घावनुमा हो गया था। उन्होंने सर्वप्रथम कीमोथेरेपी से इसका उपचार करना सही समझा। परन्तु कीमोथेरेपी की डोज के बाद उसमें इसके सीवियर साइड इफेक्ट दिखने लगे। बाद में उन्होंने डॉ. डी.डी. मैथ्यू एवं डॉ. आर.के. उदेहिया के साथ मिलकर शल्य चिकित्सा की। परन्तु शल्य चिकित्सा के बाद भी घाव ठीक होने का नाम नहीं ले रहा था। इससे उन्होंने डॉ. विनय कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, सीरामिक विभाग से बायोग्लास प्राप्त किया। इसका उपयोग उन्होंने कैंसर युक्त घाव पर किया। बायोग्लास की मदद से डाग के दांये पंजे का कैंसर युक्त घाव करीब 60 दिनों के अंतराल में एकदम ठीक हो गया।