गेहूं के पौधे में पोषण की तरह काम करता है कोहरा
कानपुर देहात, 20 जनवरी (हि.स.)। बीते कुछ दिनों से बदले मौसम से कोहरे ने जनपद में दस्तक दे दी है। यह कोहरा आम जन मानस को थोड़ी परेशानी जरूर दे रहा है। सड़कों पर वाहनों की गति भी धीमी कर रहा है, लेकिन इससे किसान को खासा फायदा हो रहा है। कोहरे ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में जड़ी बूटी का काम किया है जिससे फसल के पौध का रंग निखर आया है।
शीत ऋतु के आते ही किसानों को गेहूं की फसल के लिए कोहरे का इंतजार रहता है। इस बार यह इंताजर काफी लंबा हो रहा था। बीते चार से पांच दिनों में कोहरे ने जनपद में दस्तक दी है। सर्द हवाओं के साथ सुबह से ही कोहरा गिरने लगता है। इस कोहरे के चलते रास्ते पर चलने वाले वाहनों को तो परेशानी झेलनी पड़ रही है लेकिन किसान के लिए यह कोहरा एक जड़ी बूटी की तरह साबित हो रहा है।
रूरा थानाक्षेत्र में रहने वाले किसान देवीशंकर ने बताया कि गेहूं की फसल तैयार होने लगी है, बीज पौध बनकर निकल आये हैं। यही कारण है कि फसल को कोहरे का भी इंतजार था। देवीशंकर बताते हैं कि गेहूं की फसल को पांच-छह सिंचाई की जरूरत होती है। पानी की उपलब्धता, मिट्टी के प्रकार और पौधों की आवश्यकता के हिसाब से सिंचाई करनी चाहिए। कोहरा प्रकृति का ऐसा अनोखा पानी है जिसके गिरने से खेतों में नमी बनी रहती है और पौध अच्छे तैयार होते हैं।
गेहूं के पौधे में पोषण की तरह काम करता है कोहरा
गेंहू का पौधा जब तैयार हो जाता है तो उसको कोहरे की खास जरूरत पड़ती है। यह कोहरा पौध में विटामिन कि तरह काम करता है। जानकारों की माने तो अगर गेहूं की फसल को कोहरा न मिले तो फसल तैयार हो जाने पर उसमें निकलने वाला बीज हल्का हो जाता है। जब कोहरा पड़ जाता है तो वही बीज अच्छा और बड़ा दाना तैयार होता है।
मृत पौधे में कोहरा ला देता है जान
बीज भंडार की दुकान के मालिक अमृत लाल प्रजापति बताते हैं कि जब गेहूं के बीजों को बोया जाता है तो कोहरा पड़ने पर वह जल्द अंकुरित हो जाते हैं और उससे पौध निकल आती है। वहीं जब मौसम में गर्मी रहती है और पौधों को नमी नहीं मिलते तो पौधे पीले पड़ते रहते हैं और मृत अवस्था में पहुच जाते हैं। अगर उसी वक्त कोहरा कुछ दिनों तक गिरता है तो उस मृत पौधे में भी जान आ जाती है और पीला पड़ गया पौधा गहरा हरा होकर लहलहाने लगता है।