भारत सरकार ने अगले पांच वर्षों में देश में 10 हजार एफपीओ के गठन का लक्ष्य लिया है
जयपुर, 06 मार्च (हि.स.)। देश में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रभावी तरीके से बनाने और बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को सीसीएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग, जयपुर में एक समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और दादरा और केन्द्र शासित राज्यों में एफपीओ की प्रगति पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (विपणन) डॉ. अभिलाक्ष लीखी ने की। किसान कल्याण मंत्रालय के अधिकारी और प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने अगले पांच वर्षों में देश में 10 हजार एफपीओ के गठन का लक्ष्य लिया है। बैठक में एफपीओ को आर्थिक रूप से टिकाऊ एवं मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।
निदेशक (कृषि विपणन) और अन्य संंस्थाओं ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से योजना की मुख्य विशेषताओं अर्थात कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओएस) का गठन और संवर्धन के बारे में प्रतिभागियों को बताया। इसके अलावा, एफपीओ के गठन, जिला निगरानी समितियों, राज्य समितियों और प्रतिनिधि राज्यों की कार्यान्वयन एजेंसियों की भूमिका और कार्यान्वयन एजेंसियों की प्रगति पर राज्यवार चर्चा हुई। अन् य
अतिरिक्त सचिव, डॉ अभिलाक्ष लीखी ने सीसीएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग तथा विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय के अधिकारियों के साथ प्रगतशील एफ़पीसी “मोखमपुरा कृषक निर्माता कंपनी लिमिटेड”, तहसील बगरू, जयपुर का दौरा किया। इस दौरान, एफपीओ के अध्यक्षखेम सिंह, प्रगतिशील किसान मनीष चौधरी और भवर सिंह ने बताया कि वे दालों, सब्जियों सहित विदेशी सब्जियों का सफलता पूर्वक उत्पादन कर रहे हैं। हाल ही मे एफ़पीओ द्वारा एक अत्याधुनिक ग्रेडिंग और छंटाई की सुविधा विकसित की गई है जिसके द्वारा समूह से जुड़े हुये कृषक अपनी उपज की गुणवत्ता बढ़ा प्रीमियम मूल्य प्राप्त कर रहे हैं। यह सुविधा न केवल सदस्य किसानों को बल्कि अन्य पड़ोसी किसानों को भी नाममात्र प्रसंस्करण शुल्क के साथ उपलब्ध है।