युवाओं-कृषकों के लिए रोल बने मॉडल
जमशेदपुर, 11 जनवरी (हि.स.)। पोटका प्रखंड अंतर्गत पोटका ग्राम के रहने वाले दधिची मंडल युवा प्रगतिशील किसान हैं। दधिची ने इंटर तक की पढ़ाई की है। साथ में आईटीआई की डिग्री भी है। दधिची कहते हैं कि पढ़ाई के बाद जब खेती-किसानी के तरफ रूझान हुआ तो लोगों ने मेरे फैसले पर सवाल उठाये, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था जिससे सब्जी की खेती की तकनीकी जानकारी तथा आवश्यक सहयोग जिला कृषि विभाग एवं आत्मा से लेकर इस कार्य को आगे बढ़ाया । वे बताते हैं कि पारंपरिक रूप से धान आदि की खेती तो उनके पिताजी भी किया करते थे। लेकिन उससे घर की सभी आर्थिक जरूरतें पूर्ण नहीं हो पाती थी, इसी कारण से उन्होने जिले में बाजार की उपलब्धता को देखते हुए सब्जी की खेती की तरफ ध्यान दिया ।
दधिची मंडल को आत्मा के तरफ से येलो ट्रैप दिया गया है, जिसे सब्जी खेत की क्यारियों में एक निश्चित दूरी पर लगाया जाता है। ट्रैप का पीला रंग देखकर कीड़े आकर्षित होकर उसमें फंस जाते हैं। साथ ही जिला उद्यान विभाग से कीट रहित संरचना एवं ड्रिप इरीगेशन भी अनुदान पर प्राप्त किया। समय-समय पर आत्मा के प्रखण्ड कर्मी के द्वारा इनके खेतों का भ्रमण कर उचित तकनीकी सुझाव भी दिया जाता है । अभी दधिची मंडल ने 4 बीघा जमीन में बरबटी, फुलगोभी, बंधागोभी, करेला, फ्रेंचबीन, टमाटर, सरसों आदि लगाया है। सालाना सब्जी की खेती से दधिची मंडल को 1.50 लाख से 2.0 लाख रुपए की आमदनी हो रही है ।
जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी एवं आत्मा के जिला एवं प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी को धन्यवाद देते हुए दधिची कहते हैं कि पदाधिकारियों के निरंतर सहयोग से ही उन्हें खेती कार्य को करते रहने में सहूलियत हुई । किसानों से अपील करते हुए दधिची कहते हैं कि पारंपरिक खेती के अलावा किसान दूसरे कृषि विकल्प पर भी विचार करें, सब्जी खेती नगद मुनाफे का अच्छा स्रोत है। साथ ही जमशेदपुर जैसा शहर अपने जिले में है तथा ओड़िशा एवं बंगाल का बॉर्डर भी जिले को छूता है तो बाजार की भी उपलब्धता हमेशा सब्जियों के लिए रहती है।