डब्ल्यूएचओ
बीजिंग, 31 मार्च (हि.सं.)। चीन में कोरोना महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस यानी सार्स कोव-2 की उत्पत्ति किसी प्रयोगशाला में नहीं हुई है। यह संभवत: चमगादड़ से अन्य जंतुओं द्वारा मनुष्यों में फैला होगा।
हालांकि डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट में अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। फिलहाल डब्ल्यूएचओ टीम ने वायरस के प्रयोगशाला से लीक होने के मामले को छोड़कर अन्य सभी पहलुओं पर आगे जांच करने का प्रस्ताव रखा है। रिपोर्ट को जारी किए जाने में लगातार देरी हो रही है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि कहीं चीनी पक्ष जांच के निष्कर्ष को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं कर रहा है, ताकि बीजिंग पर कोविड-19 महामारी फैलाने का दोषी न लगाया जा सके।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल में ही कहा था कि हमारी चिंता इस रिपोर्ट की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया को लेकर है। यह भी एक तथ्य है कि चीनी सरकार ने इस रिपोर्ट को तैयार करने में मदद की है। वहीं, चीन ने सोमवार को ब्लिंकन की इस आलोचना को खारिज कर दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अमेरिका रिपोर्ट के संबंध में जो कुछ बोल रहा है, उसके जरिये क्या वह डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों पर राजनीतिक दबाव डालने का प्रयास नहीं कर रहा?
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने स्वीकार किया कि उन्हें सप्ताहांत में रिपोर्ट प्राप्त हो गई थी। इसे मंगलवार को औपचारिक तौर पर पेश किया जाएगा। विशेषज्ञों ने सार्स-कोव-2 वायरस की उत्पत्ति की चार परिस्थितियां बताई हैं। इनमें चमगादड़ों से अन्य जंतुओं में इसका प्रसार मुख्य है।