हैदराबाद, 04 दिसम्बर (हि.स.)। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव की मतगणना जारी है। इसी बीच हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें
चुनाव आयोग ने कहा था कि मतगणना में ऐसे मतों को वैध माना जायेगा, जिन मतपत्रों पर पेन से मार्क लगा होगा। हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से साफ कहा है कि जीएचएमसी चुनाव में सिर्फ उन्हें ही वैध मत माना जायेगा, जिन बैलेट पेपर्स पर मतदान का स्वास्तिक वाला निशान होगा। हाई कोर्ट ने यह आदेश भाजपा की चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ हाउस मोशन याचिका पर सुनाया। राज्य चुनाव आयोग हाई कोर्ट के इस आदेश को कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के बाहर बताते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
दरअसल, जीएचएमसी के चुनाव में मतदान के दौरान कुछ लोगों ने चुनाव आयोग की अधिकृत मुहर स्वास्तिक वाले चिन्ह का प्रयोग न करके बैलेट पेपर पर पेन से निशान लगा मतदान किया था। इस पर कल देर शाम राज्य चुनाव आयोग ने पेन से टिक वाले बैलेट पेपर को भी वैध माने जाने का एक सर्कुलर जारी किया था। चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती देते हुए भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में हाउस मोशन याचिका दाखिल की थी।
गुरुवार की देर रात भाजपा ने वर्चुअल तरीके से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश अध्यक्ष संजय बंडी ने चुनाव आयोग के इस सर्कुलर को वापस लेने की मांग थी। इस मुद्दे पर संजय ने हाई कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की थी।
शुक्रवार को सुबह हाई कोर्ट में भाजपा ने हाउस मोशन पिटिशन दायर किया। जिसमें भाजपा ने सिर्फ चुनाव आयोग की अधिकृत मुहर वाले मतपत्रों को ही वैध मानने की मांग की थी। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने स्वास्तिक वाले मतपत्रों को वैध मानने के आदेश दिये। हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को तुरंत यह सूचना सभी मतगणना केंद्रों तक पहुंचाने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने आयोग को विस्तृत जानकारी के साथ काउंटर दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई सोमवार तक टाल दी।
इस बीच सचिवालय सूत्रों ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए आज दोपहर बाद लंच मोशन पिटिशन दायर करने का निर्णय किया है। चुनाव आयोग का मानना है कि आयोग के इस सर्कुलर को खारिज करना हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
जानकारी मिली है कि मतगणना केन्दों पर हाई काेर्ट के आदेश के तहत केवल स्वास्तिक चिन्ह वाले ही मतपत्रों की गिनती की जा रही है। अब सबकी निगाहें राज्य चुनाव आयोग की रिव्यू पिटीशन को लेकर हाई कोर्ट के अगले आदेश पर टिकी हैं।