छह दिन में जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अलग-अलग याचिकाओं में इन दोनों के ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना का मामला शुरू किए जाने की मांग की गई थी.
इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने न्यायपालिका और न्यायाधीशों को कथित रूप से बदनाम करने की कोशिश की.
सुप्रीम कोर्ट ने कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को छह दिनों के अंदर अपना जवाब दायर करने के लिए कहा है. हालांकि, कोर्ट का कहना है कि उन्हें इसके लिए अदालत में व्यक्तिगत रूप से मौजूद होने की ज़रूरत नहीं है.
कुणाल कामरा का विवाद उनके कुछ ट्वीट से जुड़ा है जो उन्होंने 11 नवंबर को तब किए थे, जब सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सुप्रीम कोर्ट पर कथित अपमानजनक ट्वीट किया था.
इस ट्वीट को लेकर अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि ये ट्वीट न केवल बेहद भद्दा है बल्कि हास्य और न्यायालय की अवमानना के बीच सीमा रेखा को पार करता है.