2025 तक इसे 25 शहरों में विस्तार देने की योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन पर भारत की पहली बिना ड्राइवर के ट्रेन संचालन तकनीक का उद्घाटन किया.
वाली यजनकपुरी वेस्ट और बोटेनिकल गार्डन को जोड़ने ह लाइन एयपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के साथ नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवाओं के साथ संचालन करेगी.
मेजेंटा लाइन दिल्ली में जनकपुरी वेस्ट और नोएडा में बोटेनिकल गार्डन को जोड़ती है. इसी लाइन पर पहली ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक शुरू हो रही है. इस तकनीक को 2021 के मध्य तक पिंक लाइन (मजलिस पार्क-शिव विहार) पर भी शुरू करने की योजना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद कहा कि यह दिखाता है कि भारत कितना तेज़ी से तकनीक में आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, “दिल्ली में पहली मेट्रो अटल जी के प्रयासों से चली. साल 2014 में जब हमारी सरकार बनी उस समय सिर्फ़ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. 2025 तक हम इसे 25 शहरों में विस्तार देना चाहते हैं.यह सिर्फ़ ईंट, कंक्रीट से बने इन्फ़्रास्ट्रक्चर नहीं हैं बल्कि मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं के प्रतीक हैं.”
पिंक लाइन पर यह तकनीक शुरू होने के बाद पूरी दिल्ली मेट्रो में ड्राइवरलेस नेटवर्क तक़रीबन 94 किलोमीटर का हो जाएगा. हालांकि, यह दिल्ली मेट्रो के कुल नेटवर्क का सिर्फ़ 9 फ़ीसदी ही होगा.
इसकी शुरुआत होने के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) दुनिया के मेट्रो नेटवर्क के उस 7 फ़ीसदी शीर्ष लीग में शामिल हो जाएगा जहां पर मेट्रो बिना ड्राइवरों के चलती है.
ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक का एक मापदंड होता है जिसे ग्रेड्स ऑफ़ ऑटोमेशन (जीओए) कहते हैं.
जीओए 1 तकनीक में एक ड्राइवर ट्रेन चलाता है. जीओए 2 और जीओए 3 में ड्राइवर की भूमिका सिर्फ़ दरवाज़ों को खोलने और आपातकालीन परिस्थितियों में ट्रेन चलाने की होती है जबकि ट्रेन का चलना और रुकना ऑटोमैटिक होता है. जीओए 4 में पूरी ट्रेन अपने आप चलती है.
डीएमआरसी के पास 2017 से यह तकनीक मौजूद है लेकिन इसे शुरू करने से पहले उसने कड़े परीक्षण किए हैं. इसकी शुरुआत मई 2020 से होनी थी लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.