गीता हमें खुले मन से सोचने, प्रश्न पूछने और चर्चा करने के लिए करती है प्रेरित : प्रधानमंत्री

Thursday 11 Mar 2021 कला-संस्कृति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्वामी चिदभवानन्द की ‘भगवद् गीता’ के किंडल संस्करण का विमोचन

 
नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्वामी चिदभवानन्द की ‘भगवद् गीता’ के किंडल संस्करण का विमोचन करते हुए कहा कि गीता हमें खुले मन से सोचने, प्रश्न पूछने और चर्चा करने के लिए प्रेरित करती है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार सुबह वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गीता की सुंदरता उसकी गहराई, विविधता और लचीलेपन में है। आचार्य विनोबा भावे ने गीता को माता के रूप में वर्णित किया है क्योंकि गीता ठोकर खाए व्यक्ति को संभालती है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महाकवि सुब्रमण्यम भारती जैसे महान लोग गीता से प्रेरित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वामी चिदभवानंद जी को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं, जिन्होंने मन, शरीर, हृदय और आत्मा से अपना जीवन भारत के उत्थान के लिए समर्पित दिया। किंडल संस्करण को लॉन्च करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-बुक्स युवाओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही है। इसलिए यह प्रयास अधिक युवाओं को गीता के महान विचार के साथ जोड़ेगा। स्वामी चिदभवानन्द तमिलनाडु के चिरुचिरापल्ली स्थित तिरूपराथुरई में श्रीरामकृष्ण तपोवनम आश्रम के संस्थापक हैं। गीता पर उनका विद्वत्तापूर्ण कार्य इस विषय पर अब तक लिखी पुस्तकों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। गीता का तमिल संस्करण. जिसमें उनकी टिप्पणियां भी शामिल हैं, 1951 में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद 1965 में उसका अंग्रेजी संस्करण प्रकाशित हुआ था।

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