महाशिवरात्रि पर संगम स्नान के बाद शिवालयों में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब

Thursday 11 Mar 2021 कला-संस्कृति

तीर्थराज व संगमनगरी प्रयागराज में गुरुवार की सुबह से ही संगम घाटों पर स्नान करने वालों भक्तों का सैलाब उमड़ा

 
प्रयागराज, 11 मार्च (हि.स.)। तीर्थराज व संगमनगरी प्रयागराज में गुरुवार की सुबह से ही संगम घाटों पर स्नान करने वालों भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। लाखों शिवभक्तों के संगम तट स्थित त्रिवेणी में स्नान करने के बाद शिव मंदिरों में भगवान शिव की आराधना के लिए शिवभक्तों की लम्बी कतारें लगी हैं। शिवभक्तों के ओम नमः शिवाय के जाप से प्रयागराज गुंजायमान है। दर्शन कराने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर सच्चे हृदय से व्रत रखकर संगम में डुबकी लगाकर शिव स्तुति करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव मंदिरों में भक्तों ने शिव की आराधना करने के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप किया और भगवान शिव को खुश करने के लिए दूध, बेल पत्ती, मदार, धतूरा, भांग, भस्म, कनेर का पुष्प आदि चढ़ाया। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव तांडव, शिव पुराण आदि का पाठ भी किया। मनकामेश्वर मंदिर, राजरूपपुर स्थित कैलाश मंडपम मंदिर आदि मंदिरों में सुबह भगवान शिव का भव्य श्रृंगार किया गया। जहां भक्तों ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका अभिषेक किया। इस दौरान भारी संख्या में उपस्थित शिवभक्तों ने मंदिर में भजन कीर्तन शुरू किया। शहर के तमाम शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का आवागमन जारी है। ज्योतिषाचार्य नागेश दत्त द्विवेदी के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद विशेष संयोग बनने जा रहा है। इस बार शिवरात्रि पर बुध राशि परिवर्तन कर रहे हैं। शिवरात्रि 11 मार्च को मिथुन व कन्या राशि के स्वामी बुध राशि परिवर्तन कर रहे हैं। बुध शनि की राशि कुम्भ में प्रवेश करेंगे। इसके बाद बुध ग्रह एक अप्रैल को मीन राशि में गोचर करेंगे। शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग भी शिवरात्रि के योग को और अधिक महत्वपूर्ण बना रहा है। बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ आता है, उस ग्रह के अनुसार ही व्यवहार करने लगता है। बुध, सूर्य का सबसे करीबी ग्रह है।

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