संगरोध से बाहर आना टेस्ट पदार्पण के बाद मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण : अक्षर पटेल

Friday 23 Apr 2021 खेल

अक्षर इस महीने की शुरुआत में कोरोना से संक्रमित हो गए थे

 
चेन्नई,23 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना को मात देकर दोबारा अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीम दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े हरफनमौला खिलाड़ी अक्षर पटेल ने कहा कि 20 दिनों के संगरोध से बाहर आना टेस्ट पदार्पण के बाद,उनके जीवन का सबसे अच्छा क्षण है। अक्षर इस महीने की शुरुआत में कोरोना से संक्रमित हो गए थे। 20 दिनों के लिए संगरोध में रहने के बाद वह फिर से दिल्ली कैपिटल्स की टीम में शामिल हुए हैं। 27 वर्षीय पटेल ने कहा,"20 दिनों के बाद संगरोध से बाहर आना और मेरे साथियों से मिलना वास्तव में बहुत अच्छा रहा है। यह मेरे टेस्ट पदार्पण के बाद मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण है। मैं 20 दिनों तक अपने कमरे में अकेला था और मुझे कुछ भी नहीं करना था। मैं मैच देख रहा था और एक अच्छी बात यह थी कि हमारी टीम ने अधिकांश मैच जीते, इसलिए मैं फिर से टीम में शामिल होने के लिए और अधिक प्रेरित हुआ। टीम के साथ अभ्यास शुरू करना बहुत अच्छा रहा और मैं अपनी तैयारियों को लेकर खुश हूं।" बुधवार 21 अप्रैल 2021 को टीम के साथ अपने पहले प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने वाले अक्षर ने कहा, "मैंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का अभ्यास शुरू कर दिया है, हालांकि प्रशिक्षण के दौरान मुझे बहुत मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा है। मैंने डॉक्टरों से बात की है कि मुझे अपने प्रशिक्षण के बारे में कैसे जाना चाहिए, और मैं उनके सुझावों के अनुसार अपना अभ्यास कर रहा हूं। " कप्तान रिषभ पंत और मुख्य कोच रिकी पोंटिंग द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में पूछे जाने पर, अक्षर ने कहा, "रिषभ और रिकी सर ने मुझे इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षित करने के लिए कहा है कि मेरा शरीर अगले दो-तीन दिनों में अभ्यास करने के लिए कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है। मैं इस समय बहुत आगे की नहीं सोच रहा, मैं सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूँ कि मेरा शरीर प्रशिक्षण सत्रों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है।" गौरतलब है कि अक्षर इससे पहले 28 मार्च को मुंबई में दिल्ली की टीम से जुड़े थे, वह निगेटिव कोविड-19 रिपोर्ट के साथ जैव सुरक्षित वातावरण में आए थे, लेकिन तीन अप्रैल को उनका कोविड-19 टेस्ट सकारात्मक पाया गया था। उनमें हल्के लक्षण दिखाई दिए थे, जिसके बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड की चिकित्सा सुविधा में भेज दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में लगभग तीन सप्ताह बिताने के बाद अब वापसी की है।

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