नई दिल्ली, 28 नवम्बर (हि.स.)। क्वाकरली सायमंस (क्यूएस) ने एशिया में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 जारी कर दी है। एशिया के शीर्ष 50
विश्वविद्यालयों
में भारत के 3 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने भी जगह बनाई है। हालांकि शीर्ष 10 में भारत को कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान जगह नहीं बना सका।
क्यूएस ने 11 प्रमुख मापदंडों के आधार पर 18 स्थानों से 650 एशियाई संस्थानों की तुलना की है, जिसमें अकादमिक स्थायीत्व, रोजगार और अनुसंधान की गुणवत्ता शामिल है। नेशनल
यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर ने लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष स्थान हासिल किया।
क्यूएस एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग 2021 में रैंक किए गए 650 संस्थानों में से 124 चीन से हैं, इसके बाद भारत से 107, जापान से 105, दक्षिण कोरिया से 88, ताइवान से 43, पाकिस्तान से
40, मलेशिया से 35, और 30 इंडोनेशिया से हैं। जिन 107 भारतीय शैक्षणिक संस्थानों को रैंक दी गई थी, उनमें से 31 शीर्ष 250 में हैं और केवल आठ संस्थान एशिया के शीर्ष 100 में शामिल
थे।
क्यूएस एशिया रैंकिंग 2021 में शीर्ष 250 में स्थान पाने वाले 31 में से 12 आईआईटी हैं। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 में शीर्ष 50 में शामिल होने वाले तीन आईआईटी में
आईआईटी बॉम्बे 37, आईआईटी दिल्ली 47, और आईआईटी मद्रास 50वें स्थान पर हैं।
इसके बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (रैंक 58), दिल्ली विश्वविद्यालय को (रैंक 71), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (रैंक 72), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (रैंक 81),
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (रैंक 103), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (रैंक 117), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर (रैंक 188), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद (रैंक
220), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ (रैंक 225) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर (रैंक 233) है।