एआईसीटीई एनईपी 2020 कार्यान्वयन योजना

Monday 01 Feb 2021 शिक्षा

निष्पादन के बिना योजना निरर्थक है, हालांकि योजना के बिना निष्पादन घातक हो सकता है

 
डॉ मनु के वोरा, संयुक्त राज्य अमेरिका, (सदस्य, एआईसीटीई एनईपी 2020, कार्यान्वयन योजना रणनीति समिति) 29 जुलाई 2020 भारतीय कैबिनेट के द्वारा 1986 की शिक्षा नीति के बाद एक बड़े बदलाव के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 का गठन हुआ । अत्यधिक आकांक्षात्मक एनईपी 2020 का विकास डॉ के कस्तूरीरंगन के कुशल नेतृत्व में किया गया ।जैसा कि हम सभी जानते हैं,निष्पादन के बिना योजना निरर्थक है, हालांकि योजना के बिना निष्पादन घातक हो सकता है।NEP 2020 के साथ, असली चुनौती भारत में शिक्षा क्षेत्र में इसे सफलतापूर्वक लागू करने की है। एनईपी 2020, पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद, एक विशेष समिति का गठन, अक्टूबर 2020 को प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष द्वारा उच्च शिक्षा में एनईपी 2020 कार्यान्वयन की सुविधा के लिए किया गया । एनईपी 2020, समिति के सदस्यों में भारत में प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. संजय ढांडे, पद्म श्री प्रो. प्रेम व्रत, प्रो. अशोक शेट्टार, प्रो. रजनीश अरोड़ा, प्रो. सुभासि माजी, प्रो. अर्चना मंत्री, प्रो.सहंत सुहाग, प्रो. राजुल अस्थाना, प्रो. ममता रानी अग्रवाल, और डॉ. मनु के वोरा का प्रमुख योगदान रहा । एनईपी 2020 बेहतरीन कार्यान्वयन के लिए समिति के सदस्यों ने व्यापक विचार-विमर्श कर वर्चुअल मोड में एनईपी पुस्तिका को प्रकाशित किया । एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के लिए एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष प्रो एमपी पूनिया, सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार, और निदेशक कर्नल बी वेंकट ने सराहनीय कार्य किया । NEP 2020 इम्प्लीमेंटेशन प्लान शॉर्ट-टर्म (2021), मीडियम-टर्म (2022-2025), और लॉन्ग-टर्म (2026-2035) पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य 2035 तक भारत के एजुकेशन सिस्टम को बेस्ट बनाने की है। एनईपी 2020 कार्यान्वयन योजना में, नौ प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया जिसमें , 1) बहु-अनुशासनात्मक और समग्र शिक्षा, 2) उच्च शिक्षा में समानता और समावेश, 3) अनुसंधान, नवाचार और रैंकिंग, 4) उच्च शिक्षा का वैश्विक आउटरीच, 5) प्रेरित, सक्रिय और सक्षम संकाय, 6) एकीकृत उच्च शिक्षा प्रणाली, 7) शासन और विनियमन, 8) भारतीय भाषाओं, कला और संस्कृति का संवर्धन, और 9) प्रौद्योगिकी का उपयोग और एकीकरण। समिति ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों से प्रभावी विजन,बनाने के उद्देश्य से एनईपी 2020 के शुरुआत में ही मिशन, मूल्यों, लक्ष्य, उद्देश्य, प्राचीन ज्ञान और भारत में जीवंत ज्ञान समाज की स्थापना के लिए अपने महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सिफारिश की थी।जिसमें मुख्यतः लघु-अवधि के लक्ष्यों में मूल्यांकन के साथ पाठ्यक्रम का तत्काल संशोधन शामिल था।इस पॉलिसी के अनुसार स्नातक शिक्षा 3 या 4 साल की हो सकती है, जिसमें कई निकास और फिर से प्रवेश के विकल्प हैं तथा हस्तांतरण सुविधा के लिए अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना, इक्विटी, गुणवत्ता और सभी के प्रति जवाबदेही,शिक्षा के सभी स्तरों में मातृभाषा, और स्कूल और उच्च शिक्षा के एकीकरण के लिए प्रावधान किया गया है। मुख्यतः मध्यम अवधि के लक्ष्य भारत में छात्रों की गतिशीलता पर केंद्रित है, जिसमें सभी शिक्षा संस्थानों में मुख्य धारा शिक्षा में वोकेशनल कोर्सेज का एकीकरण, चिकित्सा, कानून, कृषि, और वयस्क शिक्षा के लिए मजबूत व्यापक शिक्षा नीतियों का निर्माण, शिक्षा कार्यक्रमों की तकनीकी उदार सहित, शिक्षा के सभी पहलुओं में कार्यान्वयन के लिए रोडमैप तैयार किया गया है । दीर्घकालिक लक्ष्यों में NEP 2020 के विजन स्टेटमेंट को सफलतापूर्वक प्राप्त करना, बहु-अनुशासनात्मक विश्वविद्यालयों में पारदर्शी माध्यम से कॉलेजों को ग्रेडेड स्वायत्तता प्रदान करना, तथा प्रत्येक जिले या उसके निकट में HEI को मल्टीडिसीप्लिनरी यूनिवर्सिटी में बदलना या स्थापित करना शामिल है। स्कूल शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में 4 वर्ष बी.एड. डिग्री तथा संस्कृत विश्वविद्यालय को बहु-विषयक संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, और नए संस्कृत विभाग को स्थापित एवं मजबूत किया जाएगा। छात्रों के भविष्य के लिए एवं पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों कि राय के साथ छात्रों की प्लेसमेंट गवर्नेंस एवं उन्हें स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए प्रेरित किया जाना शामिल है ।इसके साथ में HEI के छात्रों को पढ़ाई के साथ अपने राष्ट्र और सोसाइटी के निर्माण के लिए सामाजिक उद्यमियों को तैयार किए जाने का प्रावधान है । लेखक के 35 वर्षों के सरकारी शिक्षण संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान, प्रोफेशनल एवं गैर लाभार्थ छात्रों के उत्कृष्ट अनुभव के साथ यह पाया कि परिवर्तन में ही सफलता है यद्यपि सर्वप्रथम हम हितधारकों को प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान करें । लेखक ने विशिष्ट रूप से प्रभावी एवं उत्कृष्ट परिणाम के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं : 1.) संस्थान के उच्च कर्मचारियों लिए न्यूनतम एक, संकाय विकास पाठ्यक्रम (FDP) 2.) स्व-मूल्यांकन के लिए यूएस बाल्ड्रिग एजुकेशन परफॉर्मेंस एक्सीलेंस फ्रेमवर्क, और 3.) प्रोजेक्ट लीडर्स के लिए सामुदायिक सेवा महत्व के ऊपर प्रत्येक संस्था में FDP का आयोजन 4.) प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एवं रिस्क मैनेजमेंट के ऊपर न्यूनतम एक, संकाय विकास पाठ्यक्रम (FDP) और, 5.) अंत में, सभी संकायों के लिए एक सॉफ्ट स्किल FDP। अंततः,एनईपी 2020 कार्यान्वयन एक परिवर्तन यात्रा है जिसमें लेजर जैसी तीव्रता एवं युद्ध स्तर पर फोकस की आवश्यकता होगी ।हमें एक सफल यात्रा के लिए ज्ञान और बुद्धि के विशेषज्ञों की विशेषता एवं अनुभव का उपयोग करके सभी हितधारकों को प्रासंगिक प्रशिक्षण प्रदान कर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। भारत के लिए शिक्षा में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है।एनईपी 2020 की सफलता के लिए ना केवल सांस्कृतिक निष्पादन जबकि इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है की स्थायी परिणामों के लिए जवाबदेही होनी चाहिए। सभी HEI में सहयोग के माध्यम से अच्छे अभ्यासों / परिणामों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और अंत में, महत्वपूर्ण NEP 2020 को लागू करने में सरकार की ओर से ज़ीरो पॉलिटिकल इंटरफेरेंस होना चाहिए। अगर इस पॉलिसी को सफलतापूर्वक लागू एवं अनुकरण किया जाता है तब यह न केवल भारत के लिए यद्यपि, यह विकासशील एवं विकसित राष्ट्रों के लिए भी एक रोल मॉडल बन जाएगी और एक सशक्त भारत निर्माण के लिए यह आज की जरूरत है I डॉ मनु के वोरा बिजनेस एक्सीलेंस आईएनसी, यूएसए के अध्यक्ष है I संपर्क: डॉ मनु के वोरा, एमबीए )manuvora@b-einc.com( सदस्य, एआईसीटीई एनईपी 2020 कार्यान्वयन योजना रणनीति समिति, भारत, 2020 अध्यक्ष और अध्यक्ष, व्यवसाय उत्कृष्टता, इंक।, यूएसए, 2000-वर्तमान फुलब्राइट विशेषज्ञ, अमेरिकी राज्य विभाग, 2016-2323 आईआईटी (BHU), वाराणसी, भारत, B. Tech। (ऑनर्स), केमिकल इंजीनियरिंग, 1968 आईआईटी शिकागो, यूएसए, एमएस, 1970 और पीएचडी, 1975, केमिकल इंजीनियरिंग केलर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, शिकागो, यूएसए, एमबीए, 1985

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