पूर्वोत्तर को नाट्यकला का वरदान है सिक्किम का एनएसडी

Friday 26 Mar 2021 शिक्षा

एनएसडी

 
गंगटोक, 26 मार्च (हि.स.)। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का होना पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। नाट्यकला में रुचि रखने वाले पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकारों के लिए यह केंद्र एक आधारभूत मंच सरीखा है। बात 2011 की है। इसी वर्ष गंगटोक में एनएसडी का यह केंद्र खोला गया। अब तक इस केंद्र से सिक्किम सहित देश भर के लगभग 180 छात्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। सिक्किम सरकार के अनुरोध पर एनएसडी ने यहां एक केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया था। शुरुआती दिनों में यह केंद्र केवल सिक्किम राज्य के लिए स्थापित किया गया था। लेकिन, 2014 में केंद्र को देश भर के इच्छुक लोगों के लिए खोल दिया गया। आज यहां देशभर से नाट्यकला में प्रशिक्षण लेने के लिए छात्र आते हैं। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों और पूर्वोत्तर के बच्चों के बीच आपसी तालमेल और संवाद को बढ़ाना है। भले ही इस केंद्र को पूरे देश भर के छात्र-छात्राओं के लिए खोला गया हो, लेकिन सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों के विद्यार्थी को पहली प्राथमिकता दी जाती है। इस केंद्र में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 60 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, जबकि 40 प्रतिशत आरक्षण देश के अन्य हिस्सों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए है। वर्ष 2012 से यहां रंगमंडल की शुरुआत हुई, जो एक पेशेवर अभिनेता बनाने की प्रक्रिया है। यहां एक बार में 20 छात्रों को दाखिला मिलता है। प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को सरकार द्वारा छह हजार रुपये की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। केंद्र के निदेशक बिपिन कुमार ने कहा कि इस केंद्र से प्रशिक्षित होकर कलाकार आज देश भर में काफी अच्छा काम कर रहे हैं। वे असम फिल्म उद्योग सहित बॉलीवुड में भी अपना व केंद्र का नाम रोशन कर रहे हैं। इस केंद्र के अधिकांश संकाय प्रशिक्षित और थिएटर से जुडे लोग हैं। भारतीय नाट्यशास्त्र में जो कुछ विशेष है, उन सभी चीजों को वर्तमान संदर्भ में सिखाया पढ़ाया जाता है। बिपिन कुमार के अनुसार केंद्र में समय-समय पर कार्यशाला का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें बॉलीवुड और नाट्य जगत के प्रख्यात कलाकार अपने अनुभव साझा करते हैं। फिलहाल यह केंद्र एक किराए के भवन से संचालित हो रहा है। सिक्किम सरकार ने हाल ही में एनएसडी को अपना केंद्र स्थापित करने के लिए पांच एकड़ भूमि प्रदान की है। जहां जल्द ही निर्माण का काम शुरू होने वाला है। केंद्र के निदेशक बिपिन कुमार का कहना है कि यहां एनएसडी केंद्र स्थापित करना काफी चुनौतीपूर्ण था। सिक्किम में रंगमंच नहीं था। आगे वे बोले कि उन्हें दो बार निराश होकर लौटना भी पड़ा था। लेकिन, सिक्किम सरकार, नौकरशाहों और पत्रकारों का भरपूर समर्थन मिला। सभी से प्रोत्साहन और समर्थन प्राप्त करने के बाद आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने जानकारी दी कि एनएसडी के देशभर में कुल चार केंद्र हैं, जिनमें सिक्किम का केंद्र सर्वाधिक लोकप्रिय बन गया है। यहां लोग आने लगे हैं, लेकिन अभी सीटें कम हैं। अपना केंद्र व परिसर होने के बाद यहां सीटों की संख्या भी बढ़ सकती है। कुमार ने कहा कि वे इस केंद्र को सर्वश्रेष्ठ केंद्र बनते देखना चाहते है। यहां के लोग बहुत प्रतिभाशाली हैं। देश में जहां कहीं इस केंद्र के छात्रों ने नाटक प्रस्तुत किया है, तो केंद्र की प्रशंसा हुई है। इस केंद्र को न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी उत्कृष्ट बनाने की इच्छा है।

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