केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पड़े हैं 6 हजार से अधिक शिक्षकों के पद

Tuesday 09 Feb 2021 शिक्षा

13 हजार से अधिक गैर-शिक्षण स्टाफ के पद खाली

 
नई दिल्ली, 09 फरवरी (हि.स.)। देशभर में उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने का जिम्मा उठाने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6,427 शिक्षकों और 13,780 गैर-शिक्षण स्टाफ के पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि शिक्षा मंत्रालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले 42 केंद्रीय विद्यालयों में 1 सितम्बर 2020 तक शिक्षण और गैर-शिक्षण में रिक्त पदों की कुल संख्या क्रमश: 6210 और 12437 है। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में 1 फरवरी 2021 और 31 दिसम्बर 2020 की स्थिति के अनुसार क्रमश: 196 शिक्षण पद और 1235 गैर-शिक्षण पद रिक्त हैं। वहीं तीन संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 21 शिक्षण और 108 गैर-शिक्षण पद रिक्त हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों को भरने के संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के संबंध में पोखरियाल ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 4 जून 2019 को चयन प्रक्रिया और भर्ती के लिए समय सीमा का निर्धारण करते हुए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और समवत विश्वविद्यालयों में संकाय की भर्ती से संबंधित दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुपालन के लिए इन्हें सभी विश्वविद्यालयों को परिचालित किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आगामी 5 वर्षों के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में राज्यों द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्तावों से जुड़े प्रश्न के जवाब में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना एक सतत प्रक्रिया है। हाल ही में सरकार ने आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में 2 नए केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में तेलंगाना राज्य में एक जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए प्रावधान है। इसके अतिरिक्त दो नए केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक भागलपुर बिहार में और दूसरा संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

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