बाड़मेर, 07 दिसम्बर । भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे बाड़मेर जिले में दलित समाज के दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने हिन्दू धर्म छोडक़र बौद्ध धर्म अपना लिया। इसके लिए बाकायदा बड़े
समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में बौद्ध भिक्षुओं ने शिरकत की और विधि-विधान से दलित समाज के लोगों को बौद्ध धर्म की शिक्षा-दीक्षा दी। आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल
हुए।
बाड़मेर जिला मुख्यालय पर समता सैनिक दल और भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से आयोजित समारोह में दलित समाज के 27 लोगों ने हिन्दू धर्म से नाता तोड़ते हुए बौद्ध धर्म स्वीकार कर
लिया। इनमें बाड़मेर के रामसर और पिलानी गांव के दो परिवारों ने तो अपने पूरे सदस्यों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया है। इनकी दीक्षा के लिए बड़े समारोह का आयोजन किया गया। इसमें
बौद्ध भिक्षुओं के गुरु ने शिरकत की। बाबा साहेब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित इस समारोह में उन्हें भगवान बुद्ध के बताए नियमों और बातों का अनुसरण करने की प्रतिज्ञा
दिलवाई गई। आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। समता सैनिक दल के जिलाध्यक्ष अमित धनदे ने बताया कि हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म को अंगीकार करने वाले सभी लोग दलित
समुदाय से हैं। सभी लोग जिले के अलग अलग गांवों के रहने वाले हैं। इन लोगों का कहना था कि वे हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था से कुंठित हैं। इसी वजह से वे अपने मूल धर्म से बौद्ध धर्म के साथ
भगवान बुद्ध के बताए नियमों को अंगीकार कर रहे हैं।