राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) की तारीख में बदलाव करने की लगातार उठ रही मांग के बीच सरकार ने पांच अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया
जयपुर, 24 मार्च (हि.स.)। C है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार यह फैसला लेगी कि इस परीक्षा की तारीख में बदलाव किया जाएगा या नहीं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पत्रकारों से बातचीत में ये जानकारी दी है।
रीट की तारीख में बदलाव करने की जैन समाज द्वारा की जा रही मांग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके बारे में विस्तार से चर्चा की है। केवल रीट ही नहीं, बल्कि कई अन्य भर्तियों के संबंध में भी बैठक में बात की गई है, क्योंकि बजट घोषणा में ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु में छूट दी गई है। इसके बाद भी कई तकनीकी बातें निकलकर सामने आई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच अधिकारियों की एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। ये कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसमें रीट के साथ ही अन्य बजट घोषणाओं से प्रभावित होने वाली भर्तियों, उनके कैलेंडर, परीक्षा की तारीखों में बदलाव की बार-बार उठने वाली मांगों के चलते सरकार को जो परेशानियां उठानी पड़ती है, इन सब बातों का स्थायी समाधान कैसे निकले, इसे लेकर यह कमेटी तीन दिन में फैसला देगी। उसके बाद इस संबंध में कोई फैसला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल दिसंबर में रीट 25 अप्रैल को करवाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही जैन समाज यह मांग कर रहा है कि 25 अप्रैल को महावीर जयंती होने के कारण रीट की तारीख में बदलाव किया जाए। अब इस मांग को लेकर जैन समाज के लोग धरने पर बैठे हैं और क्रमिक अनशन कर रहे हैं। हाल ही में अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने भी मुख्य सचिव निरंजन आर्य को रीट परीक्षा की तारीख बदलने के निर्देश दिए हैं।