मई में और भवावह होने की आशंका, संयम से घट सकते हैं मरीज
अहमदाबाद,16 अप्रैल (हिं. स.) । गुजरात में कोरोना की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। वर्तमान में, हर दिन 7 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं और 70 से अधिक मौत हो रही हैं। राज्य में कोरोना के कुल मामले 3 लाख, 75 हजार के करीब हो गए हैं। इस स्थिति का उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लिया है।
गुजरात में गुरुवार को कोरोना के नए मामलों की संख्या 8 हजार,152 पहुंच गई। पूरे देश में यह आंकड़ा दो लाख के पार कर गया है। गुजरात सरकार टास्क फोर्स के सदस्य और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वी एन शाह ने बताया कि गुजरात में मौजूदा मामलों की तुलना में मई के पहले सप्ताह में आंकड़ा 4 से 4.5 लाख तक बढ़ सकता है। तब 16 से 20 हजार मामले प्रति दिन हो सकते हैं। डॉ. वी एन शाह ने कहा कि गुरुवार को केंद्र सरकार की समिति और वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ चर्चा में, यह पता चला कि भारत में मामलों की संख्या तीन सप्ताह में दोगुनी हो सकती है।
कोरोना के मामलों में वर्तमान सप्ताह बहुत संवेदनशील साबित हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि मई के अंत तक स्थिति में सुधार हो सकता है। डॉ शाह ने कहा कि कोरोना नियंत्रण के लिए उपाय करने पर ही यह मुमकिन हो सकता है। यह केवल तभी संभव है जब 70% लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो जाय। अकेले टीकाकरण अधिक आसानी से यह कर सकता है। इसलिए सभी सरकारों को टीकाकरण बहुत अधिक करना होगा।
अगर भारत में रोजाना 4 से 4.5 लाख मामले सामने आते हैं, तो अमेरिकी रिकॉर्ड टूट जाएगा। भारत में प्रतिदिन दर्ज होने वाले मामलों की संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील की तुलना में अधिक है। इन राष्ट्रों में कोविड के दैनिक मामले केवल हजारों में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ तीसरी लहर की भी आशंका जता रहे हैं।
गुजरात कोविड टास्क फोर्स के सदस्य और प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ तेजस पटेल ने कहा कि हम अब सामुदायिक प्रसार से गुजर रहाे हैं। वर्तमान में, कोविड हर दूसरे दरवाजे पर खड़ा है। बचाव है तो टीके के ही कारण है। ऐसे में लगता है कि एक निश्चित अवधि में, देश की 70 प्रतिशत आबादी या तो कोविड से प्रभावित हुई है या टीकाकरण किया गया है। इस वायरस के बारे में किसी की भी भविष्यवाणी सही नहीं है।