ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर आपको आयुर्वेद के जनक हैं आचार्य चरक जी की , जयंती पर शुभकामनाएं देता है

Tuesday 02 Aug 2022 कैंपस

चरक जयंती

 
ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय में आज चरक जयंती मनाई जिसमे आयुर्वेदा संकाय के सभी शिक्षक और छात्रायें उपस्थित रही आचार्य चरक जी की पूजा की गयी और छात्राओ को उनकी महत्वता बताई गयी आज के समय में एक बार फिर लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की ओर लौट रहे हैं। आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है जिसके जनक आचार्य चरक हैं। लगभग 300-200 ई.पू. महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों में होती है। हालांकि समयकाल को लेकर विद्वानों में मतभेद है। कुछ उन्हें कनिष्क के राजवैद्य बताते हैं तो कुछ लोग इन्हें बौद्ध काल से भी पहले का मानते हैं। मान्यतानुसार उनकी शिक्षा तक्षशिला में हुई थी। चरक संहिता में अष्टांग आयुर्वेद का वर्णन है। इसमें बीमारियों के उपचार की विधि तो है ही, कई स्थानों पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों भी उल्लेखित है। आचार्य चरक ने कहा है कि यदि हम सही आहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या व सदाचार के नियमों का पालन करें तो उत्तम स्वास्थ्य पा सकते हैं। आयुर्वेदाचार्य चरक द्वारा रचित चरक संहिता में आहार, स्वच्छता, रोगों से बचने के उपायों का उल्लेख है। साथ ही सोना, चांदी, लोहा पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का भी वर्णन किया गया है। हालांकि उनका नाम आयुर्वेद के लिए लिया जाता है लेकिन महर्षि चरक आयुर्वेद के साथ सभी शास्त्रों के ज्ञाता थे।

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