नवरात्रि मानने की मुख्य कथा

Friday 08 Oct 2021 कैंपस

विभिन्न राज्यों में मनाई जाने वाले नवरात्रि

 
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌। ज्योति विद्यापीठ महिला विश्विद्यालय विश्विद्यालय परिवार की और से आप सभी को नवरात्री के हार्दिक शुभकामनाये आज हम बात करेंगे , हमारे हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा की आराधना में मनाए जाने वाले सबसे पवित्र और महत्त्वूर्ण त्यौहार की जिसे हम नवरात्रि के नाम से जानते हैं, नवरात्रि का अर्थ है “नौ रातें” जिनमे माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, इस त्यौहार को वर्ष में दो बार देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े ही उल्लास से अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता हैं | नवरात्रि जिसे हम नवराते के नामों से भी जानते हैं। इस त्यौहार को भारत के लोग सदियों से माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करने के लिए मनाते हैं। जिसमे नवरात्री में नौ दिनों तक पूजा-अर्चना करके, व्रत रखकर या धूम-धाम से नाच-गाने के साथ मनाते हैं। नवरात्रि की नौ रातों को पूरी तरह माँ दुर्गा को समर्पित कर लोग पूरी निष्ठा व भक्ति से इस त्यौहार को मनाते हैं। जैसा की हम सब जानते हैं हमारे देश में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों के पीछे पौराणिक कथाएँ होती हैं, नवरात्री को मनाने के पीछे भी कुछ महत्त्वपूर्ण कथाएँ है। जिनमे सबसे प्रचलित कथा महिषासुर नामक राक्षस व देवी की मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महिषासुर नामक राक्षस हुआ करता था, जिसके द्वारा की गई कड़ी तपस्या के बाद उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न करके अमर होने का वरदान माँगा, उसने अजय होने का वरदान माँगते हुए यह माँग रखी की न तो उसे कोई देवता पराजित कर सकें और ना ही कोई अन्य प्राणी यदि कोई उसे पराजित कर सके तो वह केवल एक स्त्री।वरदान प्राप्त होने के बाद उसने देवताओं पर आक्रमण कर उनसे उनका राज्य व अधिकार छींनकर उनपर अत्याचार करने लगा, क्योंकि ब्रह्मा जी द्वारा दिए गए वरदान के कारण कोई भी उसका समाना नहीं कर सका, जिसे देखते हुए सभी देवताओं ने माता का आवाहन कर उनसे राक्षस का अंत करने की कामना की जिसके बाद माँ दुर्गा ने महिषासुर से पूरे नौ दिनों तक युद्ध करके दवताओं व अन्य सभी प्राणियों को उसके अत्याचारों से मुक्त किया।बुराई पर अच्छाई की जीत होने के कारण आज तक हम इस दिन को नवरात्री के रूप में मनाते हैं। विभिन्न राज्यों में मनाई जाने वाले नवरात्रि नवरात्रि का त्यौहार पूरे भारत वर्ष में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, जिसमे माता की पूजा अर्चना कर उनकी आराधना में महिलाएँ व्रत करती है और नवें दिन कन्याओं को भोग लगया जाता है। अगर हम बात करें बंगाल की तो नवरात्रि के नौ दिनों तक बंगाल में माँ दुर्गा की पूजा कर पंडाल सजाए जाते हैं, यहाँ गली व शहरों में पंडालों मे माता की मूर्तियों स्थापित कर उनकी पूजा धूम-धाम से नाच गाने के साथ की जाती है। गुजरात में भी माँ दुर्गा की आराधना बड़ी ही धूम-धाम से की जाती है, इस दिन को गुजरात के नागरिक डांडिया व गरबा के साथ नाच गाना करके माता की पूजा अर्चना करते हैं। जिसमे दुर्गा पूजा से पहले गरबा किया जाता हैं और बाद में डांडिया कर पूरे नौ दिन इस त्यौहार को ख़ुशी के साथ मनाते है। इस दिन महाराष्ट्र में भी लोग अपने घरों में दीप जलाकर माता की अर्चना करते हैं तथा अष्टमी व नवमी के दिन व्रत कर कंचिका में 9 बालिकाओं को भोग लगाकर अपने व्रत को संपन्न करते हैं।

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