जयुपर में लगातार सामने आ रहे ओमिक्रोन के केस, ये बने हालात

Tuesday 07 Dec 2021 कैंपस

तीसरी लहर

 
देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अब कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का संकट गहराने लगा है। राजस्थान में भी हालात बिगड़ते दिखाई दे रहे है। लगातार सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों से चिंता बढना लाज़मी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के 11 मामले सामने आ चुके है। जयपुर में 11 मरीज सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। इन सभी को राजस्थान के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) में भर्ती किया गया है। अब प्रदेश में लगातार इस वैरिएंट के मामले बढने का खतरा सता रहा है। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अब डराने लगा है लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार की क्या तैयारियां है, अगर तीसरी लहर आ जाती है तो क्या सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है या नही, क्या इस बार भी अस्पतालों में संसाधनों की कमी हो सकती है, क्या इस बार भी मरीजों को अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, या अन्य चीजों को लिए भटकना पडेगा। ये सवाल सभी के ज़हन में एक बार फिर आने लगे है। लेकिन आपको बता दें कि इस बार राजस्थान सरकार किसी भी तरह की लापरवाही के लिए तैयार नही है। इस बार सरकार तीसरी लहर की आशंका के बीच अलर्ट मोड़ पर है। RUHS के सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर से मिली जानकारी के अनुसार, इस हॉस्पिटल में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से लड़ने के लिए 7 हजार सिलेंडर का बैकअप प्लान है। यहां एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट पहले से लगा है। इतनी ही क्षमता का एक प्लांट और लग गया है। इसका इंस्टॉलेशन हो गया है। एक-दो दिन में वर्किंग करने लगेगा। इसके अलावा 5 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। इसमें 3600 सिलेंडर प्रतिदिन की क्षमता के साथ ऑक्सीजन जनरेशन होगा। इसके अलावा ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेट और सलेंडर का बैकअप अलग है। कोरोना की दूसरी लहर के समय 1700 सिलेंडर लिक्विड ऑक्सीजन टैंक से और 600 ऑक्सीजन सिलेंडर समेत कुल 2400 सिलेंडर के जरिए मरीजों का इलाज किया था। अब इस कैपेसिटी को बढ़ाकर 7 हजार सिलेंडर तक पहुंचा दिया गया है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में सबसे ज्यादा कमी बेड की देखने को मिली थी। तीसरी लहर को देखते हुए बेड की कमी न हो ये सुनिश्चित किया जा रहा है। बता दें कि RUHS में कुल 1200 बेड हैं। इनमें 300 बेड ICU और वेंटिलेटर के हैं। 900 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं। इनमें 90 फीसदी से ज्यादा बेड पर पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है। वहीं जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर वाले बेड की संख्या को करीब 100 और बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि 9 मंजिला RUHS हॉस्पिटल में 5वें फ्लोर को ओमिक्रॉन संदिग्ध मरीजों या पॉजिटिव मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इस फ्लोर पर 60 हाई फ्लो ऑक्सीजन के जनरल बेड हैं। इसके अलावा तीसरे फ्लोर पर बने आईसीयू सेक्शन में 20 बेड की एक यूनिट को भी ओमिक्रॉन मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए 20 बेड का ICU वार्ड भी अलग है।

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