इतिहास के पन्नों मेंः 19 अप्रैल

Monday 19 Apr 2021 राष्ट्रीय

अंतरिक्ष युग में भारत का प्रवेशः

 
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक ताकत बने भारत के लिए 19 अप्रैल 1975 का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन रूस की मदद से भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च कर अंतरिक्ष युग में पहला कदम रखा था। यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था। भारत ने अंतरिक्ष में सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने की क्षमता हासिल कर बड़ा कारनामा किया। महान खगोलविद् और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर उपग्रह का नाम रखा गया। अपनी लॉन्चिंग के 17 साल बाद 11 फरवरी 1992 को आर्यभट्ट अंतरिक्ष से लौटकर पृथ्वी पर आया। इस सेटेलाइट को बनाने से लेकर भेजने तक तीन करोड़ के खर्च का अनुमान था जिसका बजट आखिरी समय में बढ़ गया। आर्यभट्ट की एतिहासिक सफलता से उत्साहित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1978 में दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर प्रकाशित की। तकरीबन 21 वर्षों तक इस नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर छापी गयी। उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारतीय विशेषज्ञता का कमाल है कि आज दुनिया के कई देश कम लागत में अपने उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए भारत पर निर्भर हैं। आने वाले वर्षों में भारत इस क्षेत्र में कई अन्य बड़ी कामयाबियां हासिल करने की संभावनाओं वाला देश है। अन्य अहम घटनाएंः 1451- बहलोल लोदी ने दिल्ली पर कब्जा किया। 1770- कैप्टन जेम्स कुक ऑस्ट्रेलिया पहुंचने वाले पहले पश्चिमी व्यक्ति बने। 1775- अमेरिकी क्रांति की शुरुआत। 1882- कलकत्ता में पहले प्रसूति अस्पताल की शुरुआत। 1910- हेली पुच्छल तारे को पहली बार सामान्य रूप से देखा गया। 1919- अमेरिका के लेस्ली इरविन ने पैराशूट से पहली बार छलांग लगायी। 1950- श्यामा प्रसाद मुखर्जी केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री बने। 1971- भारत ने वेस्ट इंडीज को हराकर टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला जीती। 1972- बांग्लादेश राष्ट्रमंडल का सदस्य बना।

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