सुप्रीम कोर्ट ने दी थी सलाह
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुझाव दिया था कि न्यायालय इस विवाद का समाधान खोजने के लिए एक समिति गठित कर सकता है.
लेकिन, किसानों ने समिति बनाने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि इससे समस्या का हल नहीं निकलने वाला है.
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रणव सिंह पंढेर ने कहा, ‘‘कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था.’’
उन्होंने कृषि मंत्री के पत्र को भी भ्रमित करने वाला बताया. श्रणव सिंह ने कहा, ‘’तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है. कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते.’’
विरोध प्रदर्शन के शुरुआती दिनों में केंद्र सरकार ने भी हर पक्ष के प्रतिनिधियों वाली समिति बनाकर मामले को सुलझाने का पेशकश की थी लेकिन किसान नेताओं ने इससे इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में किसानों के विरोध प्रदर्शन से दिल्ली के लोगों के मूलभूत अधिकारों के हनन और बढ़ती परेशानियों को लेकर याचिका दायर की गई थी.
जिस पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि किसानों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है बशर्ते उससे किसी की संपत्ति या जीवन को नुक़सान ना पहुंचे.
वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 23वें दिन भी जारी है.
जहां किसान बढ़ती ठंड से बचने की तैयार कर रहे हैं वहीं इस बीच बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.