मुंबई, 4 दिसंबर
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अगली तिमाही के लिये रेपो रेट के ब्याज दरों 4 प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं किया है क्योंकि मुद्रास्फीति बहुत अधिक बढ़ गई थी । बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आ रहा है और वह चालू तिमाही में ही सकारात्मक वृद्धि पर लौट आएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बेंचमार्क पुनर्खरीद दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखा जाएगा।
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये ब्याज दरों में कटौती के अपने इरादे का संकेत देते हुए अपने आक्रामक रुख को बरकरार रखा।
इस साल उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी ने आरबीआई को 115 आधार अंकों की दर से कटौती करने के लिए मजबूर किया।
केंद्रीय बैंक, जिसने पहले उम्मीद की थी कि अर्थव्यवस्था में मार्च से वर्ष में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी, जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट की उम्मीद के बाद अपने पूर्वानुमान को संशोधित किया।
दास ने कहा कि उच्च आवृत्ति संकेतक ने यात्री वाहनों और मोटरसाइकिल की बिक्री, रेलवे माल ढुलाई और अक्टूबर में बिजली की खपत में दोहरे अंक की वृद्धि के साथ, वसूली में कमी का संकेत दिया।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 0.1 फीसदी और अगले तीन महीनों में 0.7 फीसदी बढ़ेगा। कुल मिलाकर, 2020-21 का राजकोषीय घाटा (-) 7.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ समाप्त होगा।
अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून तिमाही में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी और इसके बाद के तीन महीनों में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की थी।
गिरावट के लगातार दो तिमाहियों ने अर्थव्यवस्था को तकनीकी मंदी में धकेल दिया। 1996 में त्रैमासिक मंदी शुरू होने के बाद यह पहली मंदी है।
दास ने कहा कि मुद्रास्फीति लगातार बनी रही।
उन्होंने कहा, "मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना बनी हुई है।"
आरबीआई ने तरलता को कम करने के लिए और उपाय करने के लिए तैयार होने का संकेत देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक उचित समय पर विभिन्न कदम उठायेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पर्याप्त तरलता प्रणाली में उपलब्ध है।
RBI ने कॉन्टैक्टलेस कार्ड ट्रांजेक्शन की सीमा को मौजूदा रु 2,000 से प्रति उपयोग 5,000 रु बढ़ा दिया जो 1 जनवरी से लागु होगा।
इसके अलावा, रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) अगले कुछ दिनों में 24x7 उपलब्ध होगा।