इतिहास के पन्नों मेंः 29 अप्रैल
लालकिले की नींवः दिल्ली का लालकिला अपनी बेहतरीन स्थापत्य कला और बेमिसाल कारीगरी के लिए मशहूर है। लाल बलुआ पत्थर से बने इस किले की नींव 29 अप्रैल 1638 को रखी गयी थी। 13 मई से इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ जो दस वर्षों बाद 1648 में पूरा हुआ। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से शाहजहांनाबाद (पुरानी दिल्ली) बना ली थी और इसी में लालकिले का निर्माण कराया गया था। यह किला उसी समय से सत्ता व शक्ति का प्रतीक रहा है। यमुना नदी के किनारे 2.4 किमी की चारदीवारी में यह किला बना हुआ है। इसका निर्माण 254.67 एकड़ क्षेत्रफल में है और किले की सुरक्षा के लिए नदी की तरफ से चारदीवारी 18 मीटर ऊंची तो बाकी सभी तरफ किले की दीवार 33 मीटर ऊंची बनाई गयी है। यह किला छह भुजाकार है और इसके छह दरवाजे हैं। शाहजहांनाबाद 1857 तक मुगलों की राजधानी रहा लेकिन इसके बाद लालकिले पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा हो गया। देश की आजादी के बाद यह किला भारतीय सेना की निगरानी में रहा जिसे 2003 में पर्यटन विभाग को सौंप दिया गया। पारसी, यूरोपियन और भारतीय कलाकारी का अद्भुत नमूना माने जाने वाले लालकिला की भव्यता और उसे लेकर लोगों की उत्सुकता आज भी बनी हुई है।
अन्य अहम घटनाएंः
1661- चीन के मिंग वंश ने ताइवान पर कब्जा किया।
1813- अमेरिका में जेएफ हम्मेल ने रबर का पेटेंट कराया।
1848- सुप्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का जन्म।
1930- ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेलीफोन सेवा की शुरुआत।
1939- नेताजी सुभाषचंद्र बोस का कांग्रेस से इस्तीफा।
1978- अफगानिस्तान के विद्रोही गुट का सत्ता पर कब्जा। काबुल रेडियो पर उपराष्ट्रपति, रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वायुसेना अध्यक्ष के मारे जाने की घोषणा की गयी।
1991- बांग्लादेश के चटगांव में चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर 38 हजार लोगों की मौत, दस हजार लोग बेघर।
1993- बकिंघम पैलेस पहली बार आम जनता के लिए खोला गया जिसे देखने के लिए आठ पाउंड का टिकट लगा।