इतिहास के पन्नों मेंः 26 अप्रैल

Monday 26 Apr 2021 राष्ट्रीय

इतिहास के पन्नों मेंः 26 अप्रैल

 
गणितज्ञों के गणितज्ञ का निधनः 26 अप्रैल 1920 को भारत के महान वैज्ञानिक श्रीनिवास रामानुजन का निधन हो गया। महज 32 वर्ष की उम्र में तपेदिक के कारण उनका निधन हो गया। 1887 में कोयंबटूर के ईरोड गांव के एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए रामानुजन के बारे में कहा जाता है कि 12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और खुद कई Theoems विकसित कर लिए। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामानुजन पर एक अंग्रेज अधिकारी की नजर पड़ी। उसने रामानुजन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डॉ. जी.एच. हार्डी के पास भेजने का प्रबंध कर दिया। डॉ. हार्डी ने रामानुजन की प्रतिभा पहचाकर दुनिया भर में उनकी ख्याति के मार्ग को पुख्ता कर दिया। प्रो. हार्डी की देखरेख में रामानुजन ने खुद के बीस रिसर्च पेपर पब्लिश किये। 1916 में रामानुजन को कैम्ब्रिज विवि से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री मिली। 1918 में वे रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के सदस्य बने। उन्होंने बिना किसी विशेषज्ञ मदद के Identities और Equations के रूप में संकलन। जिसके कई नतीजे मौलिक थे जिनमें रामानुजन प्राइम, रामानुजन थीटा फंक्शन, विभाजन सूत्र और मोक थीटा फंक्शन शामिल था। गणित में रामानुजन का अहम योगदान हार्डी-रामानुजन नंबर माना जाता है। कहा जाता है कि हार्डी टैक्सी में सवार होकर अस्पताल में भर्ती रामानुजन से मिलने गए। वहां हार्डी जिस टैक्सी से अस्पताल आए थे, उसके नंबर 1729 का जिक्र करते हुए कहा कि यह कितना बोरिंग नंबर है। जिसपर रामानुजन ने हार्डी की बात का काटते हुए कहा कि यह बोरिंग नहीं बल्कि इस रूप में बहुत दिलचस्प है क्योंकि यह सबसे छोटी संख्या है जिसे दो अलग-अलग तरीके से दो घनों के योग के रूप में लिखा जा सकता है। तब से 1729 को उनके सम्मान में हार्डी-रामानुजन नंबर कहा जाता है। रामानुजन की गणितीय प्रतिभा को देखते हुए भारत में उनकी जयंती 22 दिसंबर, राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनायी जाती है। अन्य अहम घटनाएंः 1654- यहूदियों को ब्राजील से निकाला गया। 1755- रूस का पहला विश्वविद्यालय मॉस्को में खोला गया। 1828- यूनान की आजादी के समर्थन में रूस की तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा। 1959- क्यूबा ने पनामा पर आक्रमण किया। 1962- पहली बार एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान ने चांद की सतह को छुआ। 1975- सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।

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