म्यांमार में प्रदर्शनकारी पिता की गोद में बैठी सात वर्षीय बच्ची को सेना ने मारी गोली

Friday 26 Mar 2021 राष्ट्रीय

म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ करने के बाद सेना का आतंक

 
यंगून, 26 मार्च (हि.स.)। म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को अपदस्थ करने के बाद सेना का आतंक और जुल्म हर दिन बढ़ता जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण है मांडले में सेना ने बीते मंगलवार को विरोध कर रहे पिता की गोद में बैठी एक सात साल की बच्ची की गोली मारकर हत्या कर दी। यह बच्ची प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई कार्रवाई में मारी जाने वाली सबसे छोटी उम्र की है। इस मामले पर मानवाधिकार समूह सेव द चिल्ड्रेन ने कहा कि सेना की निर्मम कार्रवाई में मारे गए दर्जनों लोगों में 20 बच्चे भी शामिल हैं। संस्था ने एक बयान में कहा कि वह बच्ची की मौत से चिंतित हैं। जिस तरह से हर रोज बच्चों की मौत हो रही है, वह यह दिखाती है कि सेना को लोगों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है। सेना का कहना है कि उनकी कार्रवाई में अब तक 164 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। वहीं, सेना की तरफ से आरोप लगाते हुए कहा गया है कि प्रदर्शनकारी लगातार हिंसा कर रहे हैं। साथ ही सेना ने यह दावा भी किया है कि वह अपनी कार्रवाई में कम से कम बल प्रयोग की कोशिश कर रही है। सैन्य सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि कार्रवाई में अब तक 164 लोगों की जान गई है। इधर, एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स का कहना है कि सेना के हमले में कम से कम 261 लोगों की मौत हुई है। बता दें सेना ने मंगलवार को हुई प्रदर्शनकारियों की मौत पर दुख जताया। सेना की तरफ से कहा गया कि सैनिकों ने बच्ची के पिता को गोली मारी थी लेकिन पिता को गोली लगने के बजाय वह उसकी गोद में बैठी बच्ची को लग गई। बच्ची की पहचान खिन मायो चित के तौर पर हुई है। जानकारी के अनुसार गोली लगने के बाद एक बचाव दल ने बच्ची का इलाज किया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। परिजनों ने बताया कि सेना ने बच्ची के 19 साल के भाई को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, इस मामले पर सेना की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई।

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