इतिहास के पन्नों मेंः 21 अप्रैल

Wednesday 21 Apr 2021 राष्ट्रीय

इतिहास के पन्नों मेंः 21 अप्रैल

 
चीनी हुकूमत का खूनी चेहराः 21 अप्रैल 1989 को चीन के थियानमेन चौक पर 10 लाख से अधिक प्रदर्शनकारी जमा हुए और लोकतंत्र व आजादी की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। इसमें ज्यादातर संख्या में छात्र व मजदूर शामिल थे। चीन के इतिहास का यह सबसे लंबा राजनीतिक प्रदर्शन तकरीबन छह सप्ताह तक चला। बीजिंग नरसंहार के साथ चीन की सरकार ने इस प्रदर्शन को खत्म कराया। 04 जून 1989 की रात चीनी सुरक्षाबलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसायी और उनपर टैंक चलवा दिये। कहा जाता है कि इसमें 10 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए। थियानमेन चौक और आसपास के इलाकों में हर तरफ प्रदर्शनकारियों की लाशें बिछ गयीं। एक प्रेस फोटोग्राफर टैंक के सामने खड़े होकर चीन की हुकूमत की क्रूरता को कैमरे में कैद कर रहा था। सामने आती टैंकों से भी वह न तो विचलित हुआ और न ही अपने कदम खींचे। टैंकों ने उसे रौंद दिया। यह तस्वीर इस नरसंहार के साथ-साथ प्रतिरोध की प्रतिनिधि तस्वीर के रूप में दुनिया के सामने आई। पानीपत की पहली लड़ाईः 21 अप्रैल 1526 में काबुल के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली सल्तनत के बादशाह इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत की पहली लड़ाई हुई। बाबर ने तोपों का इस्तेमाल किया तो लोदी हाथियों की परंपरागत ताकत के दम पर लड़ाई के मैदान में उतरा। इसमें बाबर की सेना भारी पड़ी और इब्राहिम लोदी मारा गया। इसके साथ ही भारत में मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी। अन्य अहम घटनाएंः 1451- लोदी वंश का संस्थापक बहलोल खां लोदी दिल्ली का शासक बना। 1895- अमेरिका में विकसित पहले फिल्म प्रोजेक्टर पैनटॉप्टिकॉन का प्रदर्शन। 1926- इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म। 1938- पाकिस्तान के लाहौर शहर में शायर मोहम्मद इकबाल का निधन। 1941- यूनान ने नाजी जर्मनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। 1960- ब्रासीलिया शहर को ब्राजील की राजधानी बनाया गया। 1987- श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बम धमाके में सौ से ज्यादा लोगों की मौत, लिट्टे पर कार में विस्फोटक रखने का आरोप।

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