बिहार चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए शनिवार को 19 जिलों की 78 सीटों पर दोपहर 1 बजे 34.82 प्रतिशत मतदान हुआ।इस चरण में सत्ता विरोधी फैक्टर से जूझ रहे सत्तारूढ़ राजग का राजद नीत महागठबंधन (महागठबंधन) के साथ जबर्दस्त मुकाबला है।2.35 करोड़ मतदाता आज 1,204 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने वाले हैं। इस अंतिम दौर में सीमांचल (किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया), कोसी (सुपौल, सहरसा और मधेपुरा), मिथिला (दरभंगा और मधुबनी) और तिरहुत (मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी) क्षेत्रों की सीटें शामिल हैं ।सीमांचल बेल्ट जहां महागठबंधन को फायदा होता दिख रहा है , वहीं इस राउंड में 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम उनके वोटों में सेंध लगा सकती है और एक से दो सीटें जीत सकती है। पूर्णिया, अररिया और कटिहार में भी एनडीए के सामने कड़ा मुकाबला है।कोसी बेल्ट में भी महागठबंधन आगे दिख रहा है । केवल एनडीए के दिग्गज जैसे मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (सुपौल) और नरेंद्र नारायण यादव (आलमगंज) अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं ।
महामारी के बावजूद बिहार में अब तक 54% वोट पड़ चुके हैं। 2015 के चुनाव में इन्हीं 71 सीटों पर बिहार में 54.75 फीसदी से कम मतदान हुआ था।