अब 75 मिनट में हो सकेगी कोविड-19 एंटीबॉडी की पहचान

Saturday 22 May 2021 राष्ट्रीय

जून​,​ 2021 के पहले सप्ताह से बाजार में ​सिंगल टेस्ट किट 75 रुप​ये ​की मिलेगी

 
​नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)।​ ​​रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (​​डीआरडीओ) की प्रयोगशाला डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एण्ड एलायड सांसेज (डीआईपीएएस) ने सीरो-निगरानी के लिए ​​​​एंटीबॉडी पहचान ​करने के लिए ​​डिपकोवैन​ किट विकसित की है।​ यह किट 97 प्रतिशत उच्च संवेदनशीलता और 99 प्रतिशत ​विशेषता​ ​​के साथ ​​सार्स सीओवी-2 ​​वायरस​ ​के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (एसएंडएन) प्रोटीन दोनों का पता लगा सकती है। ​इस किट को ​जून​,​ 2021 के पहले सप्ताह में ​​​बाजार में बिक्री के लिए लॉन्च ​किया जाएगा।​ ​​एक बार में जांच के लिए ​डिपकोवैन​ किट 75 रुपये ​की मिलेगी।​​ ​डीआरडीओ के अनुसार ​​​डिपकोवैन किट​ पूरी तरह से स्वदेशी है क्योंकि इसे देश के ही वैज्ञानिकों ​ने विकसित ​किया है​। इस किट का ​दिल्ली में ​कई अस्पतालों में ​एक हजार से अधिक ​मरीजों पर परीक्षण किया गया है​​। उत्पाद के तीन बैचों पर सत्यापन का काम पिछले एक वर्ष के दौरान किया गया। इस किट को अप्रैल, 2021 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ​ने मंजूरी दी ​थी।​ ​इस ​​डिपकोवैन किट​ को बिक्री और वितरण के लिए बनाने की ​भी ​मंजूरी मई​,​ 2021 में भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ​ने दे दी है। ​​डिपकोवैन का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में गुणात्मक दृष्टि से IgG एंटीबॉडी का पता लगाना है जो सार्स सीओवी-2 से संबंधित एंटीजेन लक्षित करता है। यह काफी तेज़ टर्न-अराउंड-टाइम प्रदान करता है क्योंकि अन्य बीमारियों के साथ किसी भी क्रॉस रिएक्टिविटी के बिना परीक्षण करने के लिए इसे केवल 75 मिनट की आवश्यकता होती है। किट की शेल्फ लाइफ 18 महीने की है।​ ​उद्योग साझेदार कंपनी वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ​​जून​,​ 2021 के पहले सप्ताह में किट को ​बाजार में बिक्री के लिए लांच करेगी। ​तब ​​यह किट आसानी से ​बाजार में ​उपलब्ध ​होगी​। ​​100 किट ​से ​लगभग 10​ हजार जांच​ की जा सकेंगी​। लांच ​होने ​के बाद ​प्रति माह ​​​500 किट​ का उत्पादन होगा​​। ​​डीआरडीओ​ ने उम्मीद जताई है कि​ ​एक बार में जांच के लिए ​डिपकोवैन​ किट 75 रुप​ये ​की मिलेगी। यह किट कोविड-19 महामारी विज्ञान को समझने तथा व्यक्ति में प​​हले सार्स सीओवी-2 के एक्सपोजर के मूल्यांकन काफी उपयोगी होगी​​।​ ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​कोविड संकट के समय किट विकसित करने में डीआरडीओ तथा उद्योग के प्रयासों की सराहना की है।​ ​रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. ​​जी सतीश रेड्डी ने ​भी ​किट विकसित करने में शामिल टीम की प्रशंसा ​करते हुए कहा कि इस कदम से महामारी के दौरान लोगों को मदद मिलेगी।

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