डॉक्टरों के अनुसार, अकेले प्लाज्मा उपचार पर्याप्त नहीं
अहमदाबाद,10 मई (हि.स.)। कोरोना की भयावह परिस्थतियों के बीच राज्य में प्लाज्मा की मांग काफी बढ़ गई है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना से ठीक होने के लिए केवल प्लाज्मा पर्याप्त नहीं हैं। इसके बाद भी कोरोना की दूसरी लहर में प्लाज्मा की मांग अप्रत्याशित रूप से कई हजार गुना बढ़ गई है। लेकिन अभी भी मांग की अपेक्षा में दानकर्ताओं की संख्या कम है।
स्वास्थ्य सचिवालय ने कहा कि कोरोना के पिछले संकट के दौरान मार्च-मई 2020 के बीच कुल 28 लोगों पर प्लाज्मा का उपयोग किया गया था। उस समय दान करने वाले लोगों की अनुमानित संख्या लगभग 200 थी। एक साल बाद कोरोना की दूसरी लहर मार्च-मई 2021 के दौरान 8597 लोगों ने प्लाज्मा दान किया और इससे 16494 लोग लाभान्वित हुए हैं। इस दौरान देखा जाए तो पहले की तुलना में दूसरी लहर में प्लाज्मा दान करने वाले लोगों की संख्या में 4200 फीसदी की वृद्धि हुई है और प्लाज्मा का उपयोग करने वालों की संख्या में 58800 फीसदी हुई है।
इस संबंध में बीजे मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. निधि भटनागर ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी पर अभी और शोध चल रहा है। अभी तक परिणाम अच्छे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस चरण में प्लाज्मा रोगी को दिया जाता है, वह भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केवल प्लाज्मा लेने से कोरोना ठीक हो जाएगा, ऐसा नहीं है इसके साथ कई अन्य दवाओं का भी महत्वपूर्ण समय में उपयोग किया जाता है। मेरा मतलब है कि कोरोना से ठीक होने के लिए प्लाज्मा एकमात्र इलाज नहीं है।
चार शहरों के 8597 लोगों ने प्लाज्मा दान कर 16494 लोगों की बचाई जान
पिछले साल प्लाज्मा दाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए अहमदाबाद के एसवीपी अस्पताल ने एक विशेष पेशकश शुरू की थी। अस्पताल ने प्लाज्मा दाताओं को छह हजार रुपये की मुफ्त चिकित्सा जांच सुविधा दी गई। इसके तहत प्लाज्मादाता अपने परिवार के किसी भी सदस्य की जांच कर सकता था। प्रमुख शहरों में सरकारी अस्पतालों के अलावा, निजी लैब, गैर सरकारी संगठन और ब्लड बैंक भी प्लाज्मा एकत्र कर रहे हैं। राज्य के चार प्रमुख शहरों में सरकारी अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में 8597 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। जिसने कम से कम 16494 लोगों का इलाज किया है। इसने सूरत में न्यू सिविल अस्पताल, श्मियर अस्पताल, राजकोट में सिविल अस्पताल, लाइफ एंड एसवीवीपी, वड़ोदरा में जलाराम, अहमदाबाद में इंदु ब्लड बैंक, एएसजी और रेड क्रॉस से ज्यादातर लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। सूरत में 3524 प्लाज्मा दान किया इससे 6054 लोग ठीक हुए। इसी तरह वडोदरा में 1340, राजकोट में 2330, अहमदाबाद में 1400 लोगों ने दान दिया।
अहमदाबाद रेड क्रॉस के महासचिव डॉ. विश्वास अमीन ने बताया कि प्लाज्मा की मांग लगातार बढ़ रही है। पहले प्लाज्मा के लिए एक दिन में 10 से 15 कॉल आती थीं लेकिन अब औसतन 200 कॉल प्रतिदिन आ रही है।
प्लाज्मा दान करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं संघ के कार्यकर्ता
कोरोना की पहली लहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक ने एक अभियान चला कर कोरोना से ठीक होने वालों को खोजकर उन्हें प्रेरित की उनसे प्लाज्मा दान करवाया था। इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक रजिस्ट्रेशन लिंक बना कर लोगों को प्लाज्मा दान करने के प्रोत्साहित कर रहे हैं। बताया गया है कि पूरे अहमदाबाद से अभी तक 100 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। रविवार को अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और रेड क्रॉस ने ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किया गया था। इस कैंप में 163 लोगों ने ब्लड डोनेट किया था।
केवल ऐसे लोग कर सकते हैं प्लाज्मा दान
ऐसा व्यक्ति, जो कोरोना से ठीक होने के 28 दिन बाद या प्लाज्मा दान से 14 दिन पहले उसकी आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। यानि कोरोना पॉजिटिव होने वाले व्यक्ति की बाद में रिपोर्ट निगेटिव आये, तभी वह 14 से 21 दिन में अपना प्लाज्मा दान कर सकते हैं। उनकी उम्र 18 से 60 वर्ष तक वजन 55 किलोग्राम होना चाहिए।