विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में सेना की तैनाती पर चीन के बयान को किया खारिज
नई दिल्ली, 25 जून (हि. स.)। विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में सेना की तैनाती के बारे में चीन के विदेश मंत्रालय के बयान को खारिज करते हुए कहा कि सीमा पर चीन की ओर से ही पिछले वर्ष सैनिकों की भारी तैनाती की गई और यथास्थिति को बदलने की कोशिश की गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि पिछले वर्ष चीन की ओर से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई तथा यथास्थिति में बदलाव करने का प्रयास किया गया। चीन की इस कार्रवाई से सीमा क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति में बिगड़ी।
उल्लेखनीय है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता को कायम रखने के लिए रक्षात्मक रूप से सैनिकों की तैनाती की थी। अरिंदम बागची ने कहा कि चीन ने वर्ष 1993 और 1996 में हुए समझौते का उल्लंघन किया, जिनमें यह प्रावधान था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाएगा तथा सीमा क्षेत्र में सैनिकों की संख्या न्यूनतम रखी जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श और संबंध में संबंधित प्रक्रिया (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत अगली बैठक की कोई तिथि अभी निर्धारित नहीं है।