राजन ने बैंकों को लेकर रिज़र्व बैंक की सिफारिश को बताया " बैड आइडिया"

Tuesday 24 Nov 2020 राष्ट्रीय

 
रिज़र्व बैंक से जुड़े दो पूर्व अर्थशास्त्री रघुराम राजन और विरल आचार्य  ने भारतीय रिज़र्व बैंक के एक आंतरिक कार्य समूह की सिफारिश को ख़ारिज कर दिया है जिसमें भारत में बड़े औद्योगिक घरानों को बैंक चलाने की अनुमति देने की सिफारिश की गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर राजन और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने सिफारिश को "बम धमाका" करार देते हुए कहा कि बैंकिंग नियामक को सावधानी के साथ इस रास्ते को चलने की जरूरत है, विशेष रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएफएस) और यस बैंक के पतन का हाल देखते हुए।  क्या हमने इनसे कुछ नहीं सीखा है जो अब हम इन औद्योगिक घरानों को यह अनुमति दे रहे हैं। उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को “सूट बूट की सरकार” बताते हुए कहा कि ये सिर्फ पूंजीपतियों के हितों की सुरक्षा करने में लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले बड़ी कंपनियों का कर्ज माफ करती है, फिर उन्हें बैंक खोलने का मौका देती है और इसके बाद आम लोगों का पैसा भी वहीं जमा कराती है। इस तरह कुल मिलाकर सारा लाभ उन बड़े पूंजीपतियों के ही हिस्से आता है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कारोबारी घरानों को बैंक खोलने की अनुमति के सुझाव पर ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार जिस तरह से काम कर रही है वो क्रोनोलॉजी समझिए- पहले कुछ बड़ी कंपनियों का कर्ज माफ किया। फिर कंपनियों के बड़े स्तर पर टैक्स में छूट दी। अब इन्हीं कंपनियों द्वारा स्थापित बैंकों में जनता की कमाई सीधे जमा करने की तैयारी कर रही है सूट बूट की सरकार।”

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