कोरोना को हराने के लिए 25 लाख टीके लगाने वाला पहला राज्य बना राजस्थान

Friday 12 Mar 2021 राष्ट्रीय

दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है

 
जयपुर, 12 मार्च (हि.स.)। कोरोना वैक्सीन पर राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बीच राज्य ने वैक्सीनेशन में 25 लाख का महत्वपूर्ण आंकड़ा हासिल कर लिया है। देश में यह उपलब्धि हासिल करने वाला राजस्थान पहला राज्य है। उसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जिसने अब तक 23 लाख वैक्सीन डोज लगाए हैं। इसके बाद 21 लाख डोज के साथ गुजरात का नंबर है। वैक्सीनेशन में दूसरे स्थान पर आ रहे महाराष्ट्र में 23.2, गुजरात में 21.6, पश्चिम बंगाल में 20.3, उत्तरप्रदेश में 19.6, केरल व मध्यप्रदेश में 12.9, बिहार में 11.8, कर्नाटक में 11.6 तथा तमिलनाडु में 11.2 लाख वैक्सीनेशन हो चुका है। निजी अस्पतालों में टीके लगवाने वालों का औसत देश की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा है। यहां 67.90 प्रतिशत लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं, जबकि हरियाणा में 64.21, चंडीगढ़ में 61.29, तेलंगाना में 56.81, पंजाब में 53.33, मध्यप्रदेश में 44.60, कर्नाटक में 43.50, उत्तरप्रदेश में 40.83, मणिपुर में 38.30, केरल में 32.37, महाराष्ट्र में 31.65, मिजोरम में 31.48 प्रतिशत लोगों को निजी अस्पतालों में टीके लगाए जा चुके हैं। राजस्थान में यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से कम है। यहां महज 18.81 प्रतिशत लोगों का निजी अस्पतालों में टीकाकरण किया गया है। जिन प्रदेशों के निजी अस्पतालों में राष्ट्रीय औसत से कम टीकाकरण हुआ है, उनमें राजस्थान के अलावा हिमाचल, लद्दाख, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिसा, मेघालय व गुजरात शामिल है। राजस्थान में वैक्सीनेशन की रफ्तार महज 8 दिन में ही दोगुनी हो गई है। प्रदेश में 16 जनवरी से 2 मार्च तक 45 दिन में 12.5 लाख टीके लगे। जबकि, तीन मार्च से 10 मार्च तक 8 दिन में ही 12.62 लाख टीके लगा दिए गए। प्रदेश में अबतक कुल 25.3 लाख टीके लग चुके हैं। इस फेहरिस्त में हम देश में पहले स्थान पर हैं। महाराष्ट्र 23.2 लाख टीकों के साथ दूसरे नंबर पर है। कोरोना संक्रमण के कुल मरीजों में देश में राजस्थान का 10वां स्थान है, लेकिन मौतों में 14वें नंबर पर हैं। वैक्सीनेशन में ज्यादातर भाजपा शासित राज्य पिछड़ रहे हैं। वैक्सीनेशन करने वाले टॉप 5 राज्यों में तीन गैर-भाजपा शासित है। दक्षिण भारत के जो राज्य शुरुआत में आगे चल रहे थे, वह भी अब पिछड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार जैसे राज्य भी काफी पीछे रह गए हैं। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के अनुसार राजस्थान समेत पूरे देश में 16 जनवरी को हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाने के साथ कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। दो फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगने लगी थी। तेरह फरवरी से हेल्थकेयर वर्कर्स को दूसरा डोज दिया जा रहा है। फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरा डोज देने की शुरुआत 2 मार्च को हुई। एक मार्च से सरकार ने सीनियर सिटीजन और 45-59 वर्ष के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल किया। साथ ही निजी अस्पतालों को भी टीके लगाने के लिए अधिकृत किया। इसके बाद से आंकड़ों में तेजी आ रही है।

Related Post