महाराणा प्रताप का जीवन विपत्ति से लड़ने का देता है हौसला:

Monday 14 Jun 2021 राष्ट्रीय

महाराणा प्रताप का जीवन विपत्ति से लड़ने का देता है हौसला:

 
चित्रकूट, 14 जून (हि.स.)। महाराणा प्रताप के जीवन काल की विपत्तियों को अगर याद करते हैं तो हमें आज की विपत्तियां (कोरोना काल की) छोटी दिखाई पड़ती है। विपत्ति काल में हम कैसे मिल बांटकर रह सकते हैं, कैसे खा सकते हैं, कैसे सेवा कर सकते हैं यह प्रेरणा हमें महाराणा प्रताप के जीवन प्रसंगों से मिलती है। मेवाड़ की धरती से सैकड़ों कोस दूर महाराणा प्रताप की जयंती पर उनके पराक्रम और शौर्य को आज हम तकनीक के जरिये याद कर रहे हैं। यह बातें रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चित्रकूट के दीन दयाल शोध संस्थान में मनाई जाने वाली महाराणा प्रताप की जयंती पर वर्चुअल मीटिंग में कही। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 481वीं जयंती दीनदयाल शोध संस्थान में मनाई गई। रविवार को दीनदयाल शोध संस्थान में महाराणा प्रताप की जयंती पर वर्चुअल नाटिका के माध्यम से यूट्यूब में लाइव किया गया। मेवाड़ शैली के प्रसिद्ध चित्रकार ओम प्रकाश सोनी ने कैनवास पर रंगों को उकेरकर कथानक रूप में प्रस्तुति दी जबकि मुंबई के प्रसिद्ध संगीत कलाकार मोहित चौहान ने महाराणा प्रताप की गौरव कथा को संगीत के साथ पेश किया। वहीं बतौर मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे। अध्यक्षता दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेन्द्रजीत सिंह ने की। संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रख्यात कलाकार मोहित चैहान के संगीत के साथ महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान का बखान किया। अध्यक्षीय भाषण में वीरेंद्रजीत सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप वन-वन भटक कर अपनी सेना का पुनर्गठन कर रहे थे। उस समय जनजातियां राणा की सेना में प्रशिक्षण ले रही थीं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान बधाई का पात्र है। मेवाड़ की धरती से सैकड़ों कोस दूर महाराणा प्रताप की जयंती पर उनके पराक्रम और शौर्य को याद कर रहे हैं। आगे कहा कि श्रद्देय नानाजी देशमुख भी पुरुषार्थ की प्रतिमूर्ति थे। शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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