इतिहास के पन्नों मेंः 02 जून

Wednesday 02 Jun 2021 राष्ट्रीय

इतिहास के पन्नों मेंः 02 जून

 
कल खेल में हम हों न होंः सजीले ख्वाबों को सिने पर्दे पर अपने ही रंगों में उतारने में माहिर बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर का आज ही के दिन निधन हो गया था। 02 मई को उन्हें एक फिल्म समारोह के दौरान दिल का दौरा पड़ा और ठीक एक माह तक अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से जूझते हुए 02 जून 1988 को 63 साल की उम्र में हिंदी फिल्मों का यह महान फनकार संसार को अलविदा कह गया। राजकपूर का निधन हिंदी सिनेमा के ऐसे युग का अवसान था, जिसकी लोकप्रियता उसके जीते-जी ही दंतकथा जैसी अविश्वसनीय थी। अभिनय, निर्देशन सहित सिनेमा से जुड़े हर पक्ष में समान नियंत्रण के साथ राजकपूर अपनी फिल्मों में मर्मज्ञ की तरह सामाजिक विषमताओं और उसकी ख़ूबसूरती को उतनी ही शिद्दत से स्वर देते रहे। राजकपूर की फिल्में कला-साहित्य, सामाजिकता व व्यवसायिकता का बेजोड़ मिश्रण बनकर दर्शकों के दिलों तक उतरती रहीं। राजकपूर का फिल्मी जीवन हालांकि 1936 में आई फिल्म इंकलाब से शुरू हुआ लेकिन नायक के रूप में उनकी पहली फिल्म देश की आज़ादी वर्ष 1947 में आई नीलकमल थी। बतौर नायक उनकी आखिरी फिल्म मेरा नाम जोकर थी लेकिन वे चरित्र अभिनेता के रूप में 1982 में आई फिल्म वकील बाबू तक दिखते रहे। इस लंबी यात्रा में उन्होंने नायक और निर्देशक के रूप में दर्जनों यादगार फिल्में दीं, जिनमें आग बरसात आवारा आह बूट-पॉलिश श्री 420 चोरी-चोरी जागते रहो फिर सुबह होगी जिस देश में गंगा बहती है संगम तीसरी कसम शामिल हैं। राजकपूर को 1987 में फिल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार और उससे पहले 1971 में भारत सरकार की तरफ से पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। अन्य अहम घटनाएंः 1908ः श्री अरबिंदो को माणिकटोला बमकांड के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। 1953ः महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ब्रिटिश राजगद्दी पर ताजपोशी। 1956ः तमिल व हिंदी फिल्मकार मणिरत्नम का जन्म। 1966ः अमेरिका का पहला अंतरिक्ष यान चांद की जमीन पर सफलतापूर्वक उतरा। 1996ः उक्रेन अपने आखिरी परमाणु युद्धास्त्र रूस को सौंपने के साथ ही परमाणु मुक्त देश बना। 2003ः म्यांमार की जनतांत्रिक नेता आन सांग सू ची की गिरफ्तारी के बाद देश की सभी शिक्षण संस्थाएं बंद। 2012ः मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को 2011 की अरब क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 2014ः तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना।

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